मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ एवं अन्य 
उत्तर प्रदेश

2017 के पहले परिषद के स्कूलों में बच्चों को भेजना नहीं चाहता था नागरिक, सीएम योगी का दावा

पूर्ववर्ती सरकारों पर साधा निशाना

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने विपक्ष की पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए सोमवार को दावा किया कि 2017 के पहले आम व्यक्ति भी बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में अपने बच्चों को भेजना नहीं चाहता था।

मुख्यमंत्री ने यहां मुख्‍यमंत्री मॉडल कम्‍पोजिट विद्यालयों एवं मुख्‍यमंत्री अभ्युदय कम्‍पोजिट विद्यालयों का शिलान्यास करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों की पूर्व में दुर्दशा और मौजूदा सुधारों पर विस्तार से बात की।

योगी ने कहा कि 2017 से पहले बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में जर्जर इमारतें, गंदगी और अव्यवस्था का बोलबाला था, छात्रों की कमी थी और बच्चों के स्कूल छोड़ने की दर अधिक थी, लेकिन ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ ने इस तस्वीर को बदल दिया।

उन्होंने प्रस्तावित कार्यक्रमों के बारे में कहा कि आज 3,300 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के साथ ही बेसिक शिक्षा परिषद अपने कुछ कार्यक्रमों के जरिए उत्तर प्रदेश के भविष्य को संवारने के लिए एक नये कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रहा है।

उन्‍होंने राज्‍य के विद्यालयों के जीर्णोद्धार और बेहतर व्यवस्था के लिए शुरू किये ‘आपरेशन कायाकल्प’ के बारे में कहा, इस अभियान (2018 में) के साथ स्कूलों के कायाकल्प की यात्रा प्रारंभ हुई थी और आज मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालय और मुख्यमंत्री अभ्युदय विद्यालय के रूप में शिक्षा के एक नये मॉडल को प्रस्तुत करने के लिए बेसिक शिक्षा परिषद उतावला दिखाई दे रहा है।

उन्होंने पूर्ववर्ती की सरकारों के कार्यकाल में सरकारी विद्यालयों की दुर्दशा का जिक्र करते हुए कहा, याद कीजिए वह समय जब विद्यालयों में छात्र-छात्राएं नहीं थे, विद्यालय बंद होने की कगार पर थे, भवन जर्जर थे, गंदगी हुआ करती थी, अव्यवस्था हुआ करती थी। ऐसे में एक पहल की आवश्यकता थी।

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