नवान्न जा रहे प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों ने शुक्रवार को सियालदह, धर्मतल्ला से लेकर सेंट्रल पार्क तक लगभग अर्द्धनग्न होकर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस के साथ उनकी धक्का मुक्की भी हुई। इस दौरान कई शिक्षक घायल भी हो गये। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को जबरन घटनास्थल से हटा दिया। वहीं नवान्न जा रहे करीब 50 प्रदर्शनकारी शिक्षकों को हिरासत में लिया गया। बता दें कि विकास भवन के बाहर प्रदर्शनकारी शिक्षक पिछले 22 दिनों से अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं। उनका आंदोलन उच्चतम न्यायालय के तीन अप्रैल के फैसले के बाद शुरू हुआ है, जिसमें व्यापक अनियमितताओं का हवाला देते हुए 2016 स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती के माध्यम से की गई 25,753 शिक्षण और गैर-शिक्षण नियुक्तियों को अमान्य करार दिया गया था। शिक्षकों का साफ कहना है कि हमलोग फिर से परीक्षा में नहीं बैठेंगे। इसमें हमारी क्या गलती है। नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों का आरोप है कि सरकार ने उनकी नौकरी गलत तरीके से छीनी है। वे अपनी नौकरी वापस पाने के लिए लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे सरकार पर दबाव बनाए रखने के लिए आगे भी प्रदर्शन करेंगे। वे अपनी मांगों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे।
बेरोजगार शिक्षकों को हिरासत में लिया गया
‘डिजर्विंग टीचर्स राइट्स फोरम’ के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे लगभग 50 बेरोजगार शिक्षकों को पश्चिम बंगाल राज्य सचिवालय नवान्न की ओर जाते समय दो स्थानों पर हिरासत में लिया गया। ये प्रदर्शनकारी योग्य शिक्षकों के रूप में स्थायी बहाली की मांग के लिए एकत्र हुए थे तथा भर्ती परीक्षा दोबारा लेने के राज्य के निर्देश का विरोध कर रहे थे। जैसे ही सैकड़ों प्रदर्शनकारी सियालदह स्टेशन और एस्प्लेनेड पर, जो लगभग 2 किमी की दूरी पर हैं अपना मार्च शुरू करने के लिए एकत्र हुए, उन्हें पहले से ही वहां तैनात पुलिस कर्मियों ने रोक दिया। फोरम के एक सदस्य ने कहा, “हमें शांतिपूर्ण तरीके से लोकतांत्रिक मार्च निकालने की अनुमति नहीं दी गई। हम बस इतना चाहते थे कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात का समय मांगें और उन्हें अपनी स्थिति और मांग से अवगत कराएं।” प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन के तौर पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने अपनी शर्ट उतार दी।
क्या कहा उपायुक्त (सेंट्रल) इंदिरा मुखर्जी ने
उपायुक्त (सेंट्रल) इंदिरा मुखर्जी ने बताया कि यातायात में बाधा डालने और सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने के प्रयास में लगभग 50 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। एस्प्लेनेड इलाके में एक मॉल के पास महिला पुलिस अधिकारियों के साथ हाथापाई के दौरान एक प्रदर्शनकारी के पैर में चोट लग गयी। मुखर्जी ने बताया कि उसे तुरंत इलाज के लिए पास के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया। पुलिस कर्मियों के तौर पर हम उनकी मांगों या आंदोलन पर टिप्पणी नहीं कर सकते। लेकिन हमें कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ने की कोशिशों के बारे में जानकारी मिली थी।
डीसी अनिस सरकार ने कहा : इस दिन विकास भवन के सामने भारी संख्या में शिक्षक इकट्ठा हुए। पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की और यातायात सामान्य रखने के लिए कहा। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद पुलिस ने उन्हें जबरन घटनास्थल से हटा दिया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की हुई। इस दौरान शिक्षक की पीठ से खून भी बहता देखा गया। उसे वैन में ले जाया गया। विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट के डीसी अनिस सरकार ने कहा कि हमलोगों ने किसी को भी शांतिपूर्ण आंदोलन के लिए मना नहीं किया है। हाईकोर्ट ने जैसा आंदोलन करने के लिए कहा है वैसा करने से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन लोगों को किसी प्रकार की परेशानी होने पर हम कानूनी कार्रवाई होगी।