सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को सेना के शौर्य को सलाम करने के लिए लाया गया विशेष प्रस्ताव मंगलवार को सर्वसम्मति से पारित हो गया। आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों के शौर्य की सराहना की गई। हालांकि इस प्रस्ताव में ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र नहीं था। प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत शांतिपूर्ण रही मगर जैसे जैसे चर्चा बढ़ी सदन में गहमागहमी बढ़ती चली गयी। ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र नहीं होने के कारण भाजपा ने तृणमूल सरकार पर गंभीर आरोप लगाये। पहलगाम आतंकी हमले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी के बाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में हंगामे की स्थिति देखने को मिली। दोनों ओर से नोक झोंक देखी गयी। इस विशेष प्रस्ताव में सशस्त्र बलों की ‘राष्ट्र की सुरक्षा में उनके अटूट साहस’ के लिए सराहना की गई तथा इसे बिना किसी विरोध के पारित कर दिया गया। प्रस्ताव के पाठ में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शब्द का कोई उल्लेख नहीं किया गया, लेकिन सात मई को पाकिस्तान के कुछ हिस्सों और पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर में किए गए सटीक हमलों के बारे में बात की गई। हालांकि, कार्यवाही उस समय बाधित हुई जब ममता बनर्जी ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया और आरोप लगाया कि खुफिया तथा सुरक्षा चूक के कारण पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ जिसमें 26 लोगों की जानें चली गईं। सीएम ने कहा कि आंतकवाद का कोई धर्म, जाति या पंथ नहीं होता। हम आतंकवाद का विरोध करते हैं। हमें अपनी सेना पर गर्व है। हमारे जवानों ने अत्यंत वीरता का प्रदर्शन किया है।
नेता प्रतिपक्ष पर साधा निशाना
सीएम ने सदन में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि मैंने ऐसा विपक्षी नेता कभी नहीं देखा जो देश की शर्म है। मैंने ऐसी पार्टी कभी नहीं देखी, जो देश की शर्म है। वे आम लोगों को सुरक्षा देने में विफल रहे हैं। वे थोड़ा भी शिष्टाचार नहीं जानते हैं। वे विधानसभा में झूठ बोलते हैं!
तृणमूल और भाजपा सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक
ममता बनर्जी ने अपने संबोधन में कहा कि ‘यह नृशंस हमला हमारे नागरिकों की सुरक्षा करने में केंद्र की विफलता को उजागर करता है। हमारे जवानों ने अत्यंत वीरता दिखाई। केंद्र बार-बार हो रही सुरक्षा चूक के बारे में केन्द्र सरकार क्या कर रही है?’ इस पर विपक्षी सदस्यों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने नारेबाजी की और कहा कि ममता बनर्जी राष्ट्रीय त्रासदी का राजनीतीकरण कर रही हैं। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस और भाजपा सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसके कारण विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को हस्तक्षेप करना पड़ा। व्यवस्था बहाल होने पर प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।