सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को अपने बहुप्रतीक्षित संगठनात्मक फेरबदल की घोषणा की। इस फेरबदल को वर्ष 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले भरोसेमंद पुराने नेताओं और उभरती हुई अगली पीढ़ी के नेताओं के बीच संतुलन बनाने के एक सुनियोजित प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस ने जिलाध्यक्षों तथा डिस्ट्रिक्ट चेयरपर्सन की नयी तालिका जारी की। पश्चिम बंगाल स्टेट मदर कमेटी की भी घोषणा हुई। पार्टी ने 35 संगठनात्मक जिलों में से 18 में बदलाव किये हैं और कुछ में जिला प्रभारी (चेयरपर्सन) और अध्यक्ष के पदों की घोषणा अभी बाकी है।
नयी तालिका में कई अहम बदलाव : इनमें उत्तर कोलकाता, बीरभूम, हावड़ा, बांकुड़ा, दार्जिलिंग समतल सहित सांगठनिक जिला शामिल हैं। तृणमूल में संगठनात्मक बदलाव को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही थी। बीरभूम में अणुव्रत का महत्व कम कर दिया गया है। कोलकाता उत्तर में एक कोर कमेटी का गठन किया गया। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी के क्रम में यह बदलाव बेहद अहम माना जा रहा है। तृणमूल लगातार चौथी बार सत्ता में आने के लिए पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर गयी है। इस तालिका पर गौर किया जाये तो राजनीति के जानकारों का कहना है कि अनेक वरिष्ठ नेताओं को परामर्शक भूमिकाओं में रखा गया है, दूसरी ओर युवा, जमीनी स्तर से जुड़े नेताओं की बढ़ती उपस्थिति स्पष्ट है। तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह फेरबदल जितना नियंत्रण स्थापित करने के लिए है, उतना ही पार्टी को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए भी है। हम एक निर्णायक चुनाव की ओर बढ़ रहे हैं और नेतृत्व निष्ठा, अनुशासन और प्रदर्शन का मिश्रण चाहता है।
फिर चर्चा में अणुव्रत : इस तालिका में करीब 18 बदलाव किये गये हैं। सबसे महत्वपूर्ण कदम बीरभूम में उठाया जाना माना जा रहा है। यहां तृणमूल ने अणुव्रत मंडल को जिला अध्यक्ष पद से हटा दिया, जिस पद पर वे वर्षों से निर्विरोध काबिज थे। एक महत्वपूर्ण संगठनात्मक बदलाव के तहत पार्टी ने जिले में इस पद को समाप्त कर दिया तथा इसके स्थान पर संगठन की देखरेख के लिए पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी द्वारा चुनी गयी नौ सदस्यीय कोर समिति बनायी गयी। मवेशी तस्करी के मामले में जमानत पर बाहर चल रहे मंडल को नयी कोर कमेटी में शामिल किया गया है लेकिन उनसे एकतरफा नियंत्रण छीन लिया गया है।
एक नजर पश्चिम बंगाल स्टेट मदर कमेटी पर
वाइस प्रेसिडेंट : समर मुखर्जी, उज्ज्वल चटर्जी, जनरल सेक्रेटरी : अरूप चक्रवर्ती, अशीष हुदैत, सेक्रेटरी : अलोक चक्रवर्ती, आलोक मुखर्जी, असित बनर्जी, चित्तरंजन मैती, हंगसेश्वर महतो, कल्याणेंदु घोष, लगन देव सिंह, रविउल आलम चौधरी, सौमेन बेलाथरिया व स्वपन नंदी शामिल हैं।