कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अलीपुरदुआर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विभिन्न पहलुओं पर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी सरकार की आलोचना की थी। प्रधानमंत्री की सभा के तुरंत बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नवान्न में प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर उनके हर एक आरोप का जवाब दिया था। अब राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने मोदी पर तीखा हमला बोला है। शुक्रवार को तृणमूल भवन में प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर पार्टी के तीन प्रमुख नेता — चंद्रिमा भट्टाचार्य, ऋतव्रत बनर्जी और काकली घोष दस्तीदार ने 'ऑपरेशन सिन्दूर' से लेकर चाय बागानों तक केंद्र सरकार की कथित झूठी घोषणाओं पर तीखा सवाल उठाया। राज्य की मंत्री और तृणमूल महिला कांग्रेस की अध्यक्ष चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, 'जब देश की सेना सीमा पर खड़े होकर देश की रक्षा कर रही थी, तब प्रधानमंत्री बिहार में चुनाव प्रचार में व्यस्त थे। बंगाल कोई साधारण राज्य नहीं है। यह रवींद्रनाथ और नजरुल की धरती है। आप यहां विभाजन की राजनीति नहीं कर सकते। बंगाल की महिलाओं को सिन्दूर के ज़रिए अपनी राजनीति का औजार न बनाएं।' उन्होंने कहा कि 'ऑपरेशन सिन्दूर' को लेकर हम फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते, लेकिन प्रधानमंत्री जिस तरह सिन्दूर का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह असल में एक विभाजनकारी राजनीति का हिस्सा है। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में बंगाल सरकार को 'निर्मम सरकार' कहा था। इस पर पलटवार करते हुए चंद्रिमा ने कहा, 'टीएमसी सरकार एक 'निर्मल सरकार' है। बंगाल में कोई प्रदूषण नहीं है, आप आकर यहां राजनीतिक गंदेगी फैलाने की कोशिश न करें।' तृणमूल के राज्यसभा सांसद और ट्रेड यूनियन नेता ऋतव्रत बनर्जी ने कहा, वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री ने अलीपुरदुआर में कहा था कि डंकन समूह के सात बीमार चाय बागानों को अधिग्रहित किया जाएगा। चुनाव से पहले गजट नोटिफिकेशन भी जारी हुआ, लेकिन आज तक कोई अधिग्रहण नहीं हुआ, कई बागान और बदहाल हो गए। बाद में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को खुद पहल करनी पड़ी। वर्ष 2021 में चुनाव से पहले केंद्र से 1000 करोड़ रुपये का ऐलान हुआ था, लेकिन बंगाल को आजतक एक पैसा भी नहीं मिला। बंगाल की जनता अब समझ चुकी है कि प्रधानमंत्री के शब्दों और कर्मों में कितना अंतर है।' लोकसभा सांसद काकली घोष दस्तीदार ने 'ऑपरेशन सिन्दूर' और भाजपा नेताओं के महिलाओं को लेकर कथित विवादास्पद बयानों की आलोचना करते हुए कहा, 'जिन महिलाओं ने पहलगाम हमले में अपने पतियों को खो दिया, उनके प्रति भाजपा नेताओं की टिप्पणी यह दिखाती है कि सिन्दूर की असली कीमत वे नहीं समझते। असली सम्मान तो हमारे सैनिकों को मिलना चाहिए, जिन्होंने अपनी ज़िन्दगी दांव पर लगाकर देश और हमारे घरों की रक्षा की। लेकिन उनके सम्मान में प्रधानमंत्री ने एक शब्द भी नहीं कहा।' उन्होंने मांग की कि संसद में तुरंत 'ऑपरेशन सिन्दूर' पर विस्तार से चर्चा होनी चाहिए और इसके लिए विशेष सत्र बुलाया जाए। तृणमूल कांग्रेस का यह आक्रामक रुख स्पष्ट संकेत देता है कि - चाहे वह चाय बागानों की उपेक्षा हो, 'निर्मम सरकार' का आरोप हो या फिर 'ऑपरेशन सिन्दूर' के बहाने महिलाओं की राजनीति में उपयोग, पार्टी चुन चुन कर प्रधानमंत्री मोदी के हर एक आरोप का जवाब देने के लिए तैयार है।