सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : नानकॉरी क्षेत्र में बसे अपर कच्छल के शांत गांव में जस्टिना नाम की एक युवा लड़की ने क्षितिज से परे सपने देखने की हिम्मत की। एक सुदूर गांव से कुशल स्वास्थ्य सेवा पेशेवर बनने तक की उनकी प्रेरक यात्रा दृढ़ संकल्प, अवसर और कौशल विकास की शक्ति का एक शानदार प्रमाण है। जस्टिना ने पहली बार क्षेत्रीय सामुदायिक विकास खंड कार्यालय, नानकॉरी द्वारा आयोजित एक मोबिलाइजेशन कैंप के माध्यम से दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के बारे में जाना। संभावनाओं से प्रेरित होकर उन्होंने तमिलनाडु के नमक्कल में सीयूवाईडीटी कौशल विकास परियोजना संस्थान के तहत जनरल ड्यूटी असिस्टेंट - एडवांस कोर्स के लिए दाखिला लिया। अगले छह महीनों में जस्टिना ने खुद को गहन प्रशिक्षण में डुबो दिया, व्यक्तिगत देखभाल, रक्तचाप, शर्करा की निगरानी और इंजेक्शन लगाने जैसे आवश्यक स्वास्थ्य सेवा कौशल में महारत हासिल की। उनके दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता ने उन्हें पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने और प्लेसमेंट हासिल करने में मदद की। अपने शुरुआती छह महीने के प्लेसमेंट के दौरान जस्टिना ने अपनी क्षमताओं को जल्दी ही साबित कर दिया। उसने तेज गति वाले स्वास्थ्य सेवा वातावरण के साथ तालमेल बिठाया, व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया और अपने कौशल को निखारा। उसने अपनी कड़ी मेहनत के लिए पहचान बनाई, जिससे और भी बड़े अवसरों का मार्ग प्रशस्त हुआ। जस्टिना की बढ़ती विशेषज्ञता ने उन्हें स्पर्श हॉस्पिटल्स में एक नई भूमिका दिलाई, जो बेंगलुरु स्थित मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल की एक प्रसिद्ध श्रृंखला है। बेहतर वित्तीय पैकेज मिलने के साथ-साथ, उनकी नई भूमिका ने स्वास्थ्य सेवा के प्रति उनके जुनून और लोगों के जीवन में वास्तविक बदलाव लाने की उनकी क्षमता को और मजबूत किया।