सबिता, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राज्य सरकार को पूर्व सूचना दिए बिना दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने 65,000 क्यूसेक पानी छोड़ दिया। उन्होंने डीवीसी पर दो अक्टूबर को विजयादशमी समारोह के दौरान दक्षिण बंगाल के जिलों में जानबूझकर बाढ़ जैसी स्थिति पैदा करने का आरोप लगाया। सोशल मीडिया पर तीखे शब्दों में लिखे एक पोस्ट में ममता बनर्जी ने पानी के छोड़े जाने को ‘‘लापरवाह और शर्मनाक’’ बताया और कहा कि इसने ‘‘बंगाल में लाखों लोगों के जीवन को खतरे में डाल दिया।’’उन्होंने पोस्ट में कहा, ‘‘विजयादशमी दुर्गा पूजा के समापन का प्रतीक है - जो आनंद, उल्लास और नयी उम्मीदों का समय होता है। फिर भी, पश्चिम बंगाल के लोगों को त्योहार शांति से मनाने देने के बजाय, डीवीसी ने राज्य को बिना किसी पूर्व सूचना के 65,000 क्यूसेक पानी छोड़ दिया। यह लापरवाही हमारे पवित्र उत्सवों के दौरान परेशान करने की कोशिश से कम नहीं है।’’ ममता ने इसे ‘‘पूरी तरह अस्वीकार्य’’ बताते हुए आरोप लगाया कि यह प्राकृतिक आपदा के बजाय ‘‘डीवीसी द्वारा निर्मित आपदा’’ है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा, ‘‘मैं साफ कर दूं: मैं किसी को भी बंगाल का विसर्जन नहीं करने दूंगी। हमारे लोगों के खिलाफ हर साजिश का पूरी ताकत से विरोध किया जाएगा। छल पर सत्य की जीत होगी और बुराई पर अच्छाई की विजय होगी। जय मां दुर्गा!’’
शर्मनाक, असहनीय, अस्वीकार्य ! हम विरोध करते हैं
नवीनतम अपडेट देेते हुए सीएम ने कहा कि शुक्रवार की शाम तक 150,000 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ दिया है। उन्होंने डीवीसी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह बंगाल के लोगों पर विपत्ति लाने की एक जानबूझकर की गयी चाल है ताकि लाखों लोगाें को पीड़ा पहुंचाई जा सके। शर्मनाक, असहनीय, अस्वीकार्य ! हम विरोध करते हैं।
जिलों में बाढ़ की आशंका
राज्य के अधिकारियों ने कहा था कि मैथन और पंचेत जलाशयों से छोड़ा गया पानी दुर्गापुर बैराज और निचले इलाकों में आया, जिससे बांकुड़ा, पूर्व बर्धमान, हावड़ा और हुगली जिलों के कुछ हिस्सों में बाढ़ की आशंका पैदा हो गई है। इन जिलों में प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है और नदी तट के संवेदनशील क्षेत्रों पर नज़र रखने को कहा गया है।