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अब चला बेटियों का बल्ला : कहा, ‘इंडिया के लिए खेलना है’

महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप : आज रचा जाएगा इतिहास भारतीय महिला टीम की जीत ने जगायी उम्मीद

प्रगति, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : कहावत है ना, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती। इसे भारत की महिला राष्ट्रीय क्रिकेट टीम ने वीमेंस वर्ल्ड कप 2025 में इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए सेमीफाइनल मैच के दौरान सिद्ध कर दिखाया। इस जीत के साथ ही अब कोलकाता के क्रिकेट अकादमी में क्रिकेट सीखने आने वाली लड़कियों में भी उत्साह और जोश बढ़ गया है और वे भविष्य में क्रिकेट में इतिहास रचने को बेताब हैं। वे भारतीय महिला टीम की खिलाड़ियों से प्रेरित होकर बेहतरीन खिलाड़ी बनने का सपना देख रही हैं। जैसा कि हमने देखा, भारतीय महिला खिलाड़ियों ने काफी अच्छा प्रदर्शन कर सामने वाले टीम को करारी शिकस्त दी। आज वर्ल्ड कप का फाइनल है और भारतीय क्रिकेट टीम का मुकाबला साउथ अफ्रीका की टीम से है, जिसका इंतजार पूरे भारतीयों को है। लोग क्रिकेट से सचिन, धोनी और विराट जैसे खिलाड़ियों का नाम जानते हैं, लेकिन भारतीय महिला क्रिकेट टीम की जेमिमा रॉड्रिग्स ने इस बार देश का परचम फहराया है। वह क्रिकेट में दिलचस्पी रखने वाली लड़कियों के लिए रोल मॉडल बन गई हैं। कोलकाता के एक क्रिकेट अकादमी में प्रशिक्षण लेने आने वाली लड़कियों ने बताया कि काफी मुश्किलों के बावजूद हम अपने घरों से क्रिकेट में भविष्य बनाने के लिए निकली हैं। वे आगे चलकर स्टेट और इंंडिया के लिए खेलना चाहती हैं।

क्या कहा क्रिकेट प्रशिक्षण लेने आयी लड़कियों ने?

क्रिकेट अकादमी में सिखने आयी अनुष्का गांगुली ने बताया कि उन्हें वर्ल्ड कप मैच देखने के बाद क्रिकेट में काफी रुचि हो गयी है। हालांकि कई बाधाएं आ॔यीं, मगर उसने अपना हौसला बनाये रखा। सकीना ने बताया कि उसे बचपन से क्रिकेट में काफी दिलचस्पी रही है और वह पिछले 1 साल से क्रिकेट सीख रही है। स्वाति जेना ने बताया कि वह विराट कोहली की तरह क्रिकेट प्लेयर बनना चाहती है। शाहीन खातून ने बताया कि उसे बचपन से क्रिकेट में रुचि थी और सिखना चाहती थी, मगर किसी कारणवश वह सपना अब जाकर पूरा हो रहा है। वह भविष्य में इंडिया के लिए खेलना चाहती है। समायरा ने बताया कि उनके पिता का सपना था कि वह एक क्रिकेटर बने और अब वह एक अच्छी बैट्समैन बनना चाहती है। क्रिकेट अकादमी में पहले दिन प्रशिक्षण लेने आयी पूर्णिमा बारुई ने कहा कि वह शुरू से स्पोर्टस से जुड़ी है, मगर क्रिकेट में उसकी सबसे अधिक रुचि है।

क्या कहा क्रिकेट कोच ने?

कोच रिज्जु जी ने बताया कि वह बीते 16 से 17 सालों से क्रिकेट की कोचिंग करवा रहे हैं और देख रहे हैं कि लड़कियां धीरे-धीरे क्रिकेट के मैदान में उतर रही हैं। उन्होंने बताया कि उनके द्वार प्रशिक्षित नंदिता कुमारी स्टेट को रिप्रजेंट कर रही हैं। कोच के तौर पर कई चैलेंज का सामना करना पड़ता है, मगर कोशिश करता हूं कि लड़कियों के हुनर को सामाने लाकर उन्हें एक अच्छा खिलाड़ी होने के काबिल बना सकूं।

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