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ढाका में बोले भारतीय विदेश सचिव – धार्मिक स्थलों पर हमले बर्दाश्त नहीं

नई दिल्ली: बांग्लादेश में हाल के दिनों में अल्पसंख्यकों, खासतौर पर हिंदू समुदाय और उनके धार्मिक स्थलों पर हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं। इसी बीच, भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री सोमवार को ढाका पहुंचे। उनकी यह यात्रा ऐसे समय हुई, जब बांग्लादेश में हिंसा को लेकर चिंता बढ़ रही है। विदेश सचिव ने ढाका में एक हाई लेवल मीटिंग के बाद हिंसक घटनाओं पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा, "धार्मिक स्थलों और हिंदुओं पर हो रहे हमले बेहद खेदजनक हैं। इन्हें किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।" मिस्री ने बांग्लादेश के विदेश सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से मुलाकात की और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश के रिश्ते हमेशा से दोस्ताना और मजबूत रहे हैं, और भारत चाहता है कि ये रिश्ते आगे भी "सकारात्मक, रचनात्मक और दोनों देशों के लिए फायदेमंद" बने रहें।

मीटिंग के दौरान, विदेश सचिव ने बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और उनकी धार्मिक संपत्तियों पर हमले रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की। भारत ने यह साफ कर दिया है कि वह इन घटनाओं पर नजर बनाए हुए है और अंतरिम सरकार के साथ सहयोग के लिए तैयार है। गौरतलब है कि यह स्थिति 5 अगस्त, 2024 के बाद से और बिगड़ी है, जब शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत में शरण ली थी। इस घटना के बाद से बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और कट्टरपंथी समूहों ने न केवल अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया है, बल्कि भारत विरोधी बयानबाजी भी तेज कर दी है। भारत ने अपने रुख को साफ करते हुए बांग्लादेश को याद दिलाया है कि वह दोनों देशों के बेहतर भविष्य के लिए साथ काम करने को प्रतिबद्ध है।

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