नेपीडॉ - म्यांमार में शुक्रवार को आए भयंकर भूकंप ने लोगों के दिलो-दिमाग में भारी डर और चिंता उत्पन्न कर दी है। 7.7 तीव्रता का यह भूकंप म्यांमार में बड़ी तबाही लेकर आया, जिसमें लगभग 1600 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। अब भूवैज्ञानिकों ने आफ्टरशॉक्स के बारे में चेतावनी दी है।
वैज्ञानिकों को दी है चेतावनी
भूवैज्ञानिक जेस फीनिक्स के अनुसार, म्यांमार में आए इस भयंकर भूकंप से उतनी ऊर्जा निकली है, जितनी 334 परमाणु बमों के विस्फोट से होती है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद इस क्षेत्र में लंबे समय तक आफ्टरशॉक्स का खतरा बना रह सकता है।
1600 से अधिक लोगों ने गवाई अपनी जान
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र म्यांमार के मांडले शहर में था, और यह दोपहर के समय 10 किलोमीटर की गहराई में आया था। म्यांमार के स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, अब तक 1600 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। भूवैज्ञानिक फीनिक्स ने अपने एक बयान में बताया कि, म्यांमार के इस क्षेत्र में महीनों तक लोगों को आफ्टरशॉक्स का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि भारतीय टेक्टोनिक प्लेट यूरोशियन प्लेट से टकराती जा रही है।
2400 से अधिक लोग हुए घायल
सूत्रों के अनुसार, म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रमुख ने 1644 से ज्यादा मौतों की पुष्टि की है। विनाशकारी भूकंप के चलते कई शहरों की सड़कें, पुल और अन्य सार्वजनिक अवसंरचनाएं बुरी तरह से नष्ट हो गई हैं। म्यांमार की सैन्य सरकार ने बताया कि भूकंप में लगभग 2400 लोग घायल हुए हैं। कई क्षेत्रों में बचाव कार्य तेज़ी से चल रहे हैं, लेकिन क्षतिग्रस्त सड़कों और पुलों के कारण कई जगहों तक पहुंचना अभी भी मुश्किल है।