नई दिल्ली - कनाडा के टोरंटो शहर में एक बार फिर हिंदुओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। माल्टन स्थित गुरुद्वारे में एक हिंदू विरोधी परेड निकाली गई, जिसमें हिंदुओं को देश से बाहर निकालने की बात कही गई। कनाडाई पत्रकार डेनियल बोर्डमैन ने इस परेड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया और यह सवाल उठाया कि क्या कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी, खालिस्तान समर्थकों को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से अलग रुख अपनाएंगे।
X पर शेयर किए गए एक पोस्ट में, बोर्डमैन ने कहा,
'हमारी सड़कों पर उत्पात मचा रहे जिहादियों ने सामाजिक ताने-बाने को काफी नुकसान पहुंचाया है और वे किसी भी यहूदी को धमका रहे हैं। लेकिन खालिस्तानी समाज के लिए सबसे घृणित विदेशी वित्तपोषित खतरे के रूप में उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं। क्या कनाडा के पीएम मार्क कार्नी जस्टिन ट्रूडो से अलग होंगे?'
800,000 हिंदुओं को भारत भेजने की मांग की
पत्रकार डेनियल बोर्डमैन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शॉन बिंदा नामक यूजर की एक पोस्ट के जवाब में अपनी बात रखी। बिंदा ने अपनी पोस्ट में बताया कि टोरंटो के माल्टन गुरुद्वारे में खालिस्तानी समूह ने करीब 8 लाख हिंदुओं को भारत वापस भेजने की मांग की, और इस पूरे घटनाक्रम को उन्होंने 'खालिस्तानी आतंकी संगठन की ओर से हिंदू विरोधी नफरत' बताया। यह विरोध मार्च उस समय हुआ जब प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और उनकी लिबरल पार्टी ने हाल ही में हुए राष्ट्रीय चुनावों में जीत दर्ज की थी। यह चुनाव संसद को भंग करके समय से पहले कराया गया था, ताकि कार्नी नया जनादेश प्राप्त कर सकें।
लक्ष्मी नारायण मंदिर में तीसरी बार तोड़फोड़
अप्रैल की शुरुआत में, डैनियल बोर्डमैन ने यह दावा किया कि ब्रिटिश कोलंबिया के सरे शहर में स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में तीसरी बार तोड़फोड़ की गई है। उनके मुताबिक, मंदिर की दीवारों पर खालिस्तान समर्थक भित्तिचित्र बनाए गए और एक सुरक्षा कैमरा भी चुरा लिया गया। मंदिर का दौरा करने के बाद बोर्डमैन ने वहां की स्थिति का विवरण दिया और इस तरह की घटनाओं से निपटने के तरीकों को लेकर अपनी चिंता जाहिर की।