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आखिर क्यों लगी 4 करोड़ रुपये के घोड़ों की बिक्री पर रोक

नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उसने पश्चिम बंगाल में साइबर धोखाधड़ी के एक मामले में धन शोधन जांच के तहत करीब चार करोड़ रुपये मूल्य के तीन दर्जन से अधिक घोड़ों की कुर्की की कार्रवाई की है। इस मामले में विदेशी नागरिकों को फर्जी कॉल सेंटर के जरिए ठगा गया था। संघीय एजेंसी ईडी ने एक बयान में कहा कि उसने मंगलवार को धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अस्थायी आदेश जारी किया, जिसमें मेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक कुणाल गुप्ता और उसके सहयोगी पवन जायसवाल की 5 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की गई। इनके द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय 'साइबर धोखाधड़ी' नेटवर्क संचालित किया जाता था।

कुर्क की गई संपत्तियों में केजी स्टड फार्म एलएलपी के 37 घोड़े शामिल हैं, जिनकी कीमत 3.98 करोड़ रुपये है, साथ ही इसमें कोलकाता के बागुईआटी में ग्रीनलीफ कॉम्प्लेक्स में 1.08 करोड़ रुपये के फ्लैट शामिल हैं। ईडी ने कहा, ''कुर्क किए गए 37 घोड़े भारत के रेस क्लब और राइडिंग स्कूल में हैं।'' जानवरों से जुड़ी ऐसी कुर्की के तहत, ईडी उनकी बिक्री पर प्रतिबंध लगाता है और पीएमएलए के न्यायाधिकरण द्वारा एक बार अस्थायी आदेश की पुष्टि होने के बाद उन्हें नीलाम किया जा सकता है और इस बिक्री से प्राप्त धन को सरकारी खजाने में रखा जाता है या धोखाधड़ी के पीड़ितों को वापस कर दिया जाता है। एजेंसी ने दावा किया कि गुप्ता द्वारा नियंत्रित धोखाधड़ी वाले कॉल सेंटरों का एक 'गठजोड़' था, जो अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में पीड़ितों को निशाना बनाता था। इसने कहा कि अपराध की आय को केजी स्टड फार्म और जीडी इन्फोटेक सहित विभिन्न कंपनियों के माध्यम से शोधित किया गया और उनके अवैध स्रोतों को छिपाया गया। गुप्ता के एक प्रमुख सहयोगी जायसवाल ने ग्रीनलीफ कॉम्प्लेक्स में संपत्तियां हासिल करने के लिए कथित आपराधिक धन का उपयोग जीडी इन्फोटेक के माध्यम से किया। इस मामले में पहले 68 करोड़ रुपये की संपत्ति की कुर्की की गई थी।

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