कोलकाता: एक तरफ जहां पूरी दुनिया 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मना रही है। वहीं दूसरी तरफ भारत के लोग 14 फरवरी को ‘काला दिन’ व 'ब्लैक डे' के रूप में मनाते हैं। दरअसल 14 फरवरी, 2019 के दिन ही पुलवामा में पाकिस्तान के आश्रय में पलने वाले आतंकियों ने कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ पर हमला किया था। जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। आज देश पुलवामा हमले की छठी वर्षगांठ मना रहा है।
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक काफिला जम्मू से श्रीनगर की ओर जा रहा था। तभी जैसे ही काफिला अवंतीपोरा के गोरीपोरा के पास पहुंचा, एक वाहन काफिले में शामिल बसों के बहुत करीब आ गया। जबकि सैनिकों की ओर से ड्राइवर को सुरक्षित दूरी बनाए रखने के लिए बार-बार चेतावनी दी गई। बावजूद इसके वो कार एक बस से जा टकराया, इसके बाद एक बड़ा विस्फोट हुआ जिसमें 40 बहादुर सैनिकों की जान चली गई। इस हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया।
जानें क्या हुआ था उस दिन
सीआरपीएफ का एक बड़ा काफिला जिसमें 60 से अधिक सैन्य वाहन और लगभग 2,547 सैनिक शामिल थे। जो अवंतीपोरा के गोरीपोरा इलाके से गुजर रहे थे। तभी विस्फोटकों से भरे एक कार ने टक्कर मार दी। इसके बाद जो विस्फोट हुआ वो इतना शक्तिशाली था कि कई किलोमीटर दूर तक आवाज सुनाई दी। इस हमले के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली।
‘हम नहीं भूलेंगे’
इस हमले के तकरीबन 20 घंटे बाद सीआरपीएफ ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि हम इस हमले को भूलेंगे नहीं और ना ही माफ करेंगे। हम अपने शहीद साथियों को सैल्यूट करते हैं। शहीद जवानों के परिजनों के साथ खड़े हैं। इस जघन्य हमले का बदला जरूर लिया जाएगा। वहीं इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चेताया कि हिंदुस्तान इस हमले का मुंहतोड़ जवाब देगा। हमारे सुरक्षा बलों को पूर्ण स्वतंत्रता दे दी गई है।
12 दिन बाद दिया गया जवाब
पुलवामा हमले के ठीक 12 दिन बाद भारत ने 25 फरवरी की देर रात पाकिस्तानी आतंकियों को दिया जवाब। भारत ने पाकिस्तान के खैबर पख़्तुनख़्वा प्रांत के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर दिया। भारत ने यह हमला मिराज 2000 लड़ाकू विमान से किया था और ये 12 की संख्या में गए थे। बता दें कि इससे पहले 1971 के युद्ध में भारतीय सेना पाकिस्तानी सीमा में घुसी थी।
हालांकि, इस बात का कभी खुलासा नहीं हुआ, लेकिन कई रिपोर्ट ये बताते हैं कि भारत के हमले में लगभग 300 पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए थे। वहीं इस मिशन में लगभग 2,000 भारतीय वायु सेना के जवानों ने भाग लिया और क्षेत्र में आतंकवादी शिविरों पर लगभग 1,000 किलोग्राम बम गिराए।
हमले के दौरान पकड़े गए विंग कमांडर
भारत के द्वारा बालाकोट हवाई हमले के बाद पाकिस्तान ने भी 27 फरवरी को हमला करने की कोशिश की। जो नाकाम हुआ लेकिन पाकिसत्ना को एफ़-16 या जेएफ़-17 से एक भारतीय मिग-21 लड़ाकू विमान मार गिराया गया। जबकि भारत के मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान ने एक पाकिस्तानी F-16 जेट को भी मार गिराया था।
वहीं इस ऑपरेशन के दौरान, मिग-21 क्षतिग्रस्त हो गया और पाकिस्तान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसके परिणामस्वरूप विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान को पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया। लेकिन, भारत की ताकत और कुटनीतिक की वजह 36 घंटे के भीतर पाकिस्तान को भारतीय वायुसेना के पायलट का भारत भेजना पड़ा। अभिनंदन को 1 मार्च, 2019 को पाकिस्तान द्वारा रिहा कर दिया गया। उनकी बहादुरी के लिए भारत सरकार ने उन्हें प्रतिष्ठित 'वीर चक्र' से सम्मानित किया।