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Bangladesh में तख्तापलट के बाद अब क्यों 41 पूर्व पुलिस अधिकारी हुए गिरफ्तार ?

बांग्लादेश में पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई

नई दिल्ली - बांग्लादेश में पुलिस ने 41 पूर्व अधिकारियों को गिरफ्तार किया है, जो 2024 के कथित छात्र आंदोलन के दौरान कट्टरपंथियों के विरोध प्रदर्शन में अत्याचार करने के आरोपी 1,059 पूर्व पुलिसकर्मियों में शामिल हैं। इस 'आंदोलन' के कारण अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार गिर गई थी, और उन्हें देश छोड़कर जाना पड़ा था।

5 अगस्त 2024 को अवामी लीग की नेता शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और भारत चली गईं। छात्रों द्वारा आरक्षण प्रणाली के खिलाफ और भेदभाव के विरोध में किए गए प्रदर्शन ने आंदोलन का रूप ले लिया, जिसके कारण हसीना की 16 साल पुरानी सरकार को सत्ता से बाहर होना पड़ा। जुलाई और अगस्त के बीच हुए इन विरोध प्रदर्शनों में लगभग 1,400 लोग अपनी जान गंवा बैठे थे।

हजारों अधिकारियों पर आरोप लगाए गए हैं

मीडिया ने पुलिस मुख्यालय के गुमनाम अधिकारियों के हवाले से कहा कि अत्याचारों के जीवित बचे पीड़ितों या मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों ने मुख्य कानून प्रवर्तन एजेंसी के 1,059 अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए थानों और अदालतों में सैकड़ों मामले दर्ज कराए हैं। पुलिस ने अब तक 41 पूर्व अधिकारियों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस मुख्यालय ने कहा कि अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों में पुलिस के दो पूर्व महानिरीक्षक (आईजीपी) चौधरी अब्दुल्ला अल मामुन और एकेएन शाहिद-उल-हक और ढाका और दक्षिणपूर्वी बंदरगाह शहर चट्टोग्राम के पूर्व पुलिस आयुक्त - मोहम्मद असद-उज़-जमां और मियां सैफ-उल- इस्लाम शामिल हैं।

पूर्व आईजीपी अल मामून पर कई मामले दर्ज

हक के अलावा ये अधिकारी हसीना के देश से चले जाने तक सेवारत थे। सबसे अधिक 174 मामले ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के पूर्व अतिरिक्त आयुक्त भगोड़े हारुन-उर- रशीद के खिलाफ दर्ज किए गए। गिरफ्तार पूर्व आईजीपी अल मामून पर 159 मामले दर्ज हैं। अधिकारियों ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस प्रमुख और एक पुलिस आयुक्त समेत कई वरिष्ठ अधिकारी फरार हैं, जबकि माना जा रहा है कि उनमें से कुछ देश छोड़कर भाग गए हैं।

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