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तहव्वुर राणा के साथ कौन थी मिस्ट्री गर्ल ?

भारत में तहव्वुर राणा के साथ घूमती थी ‘बीवी’ बनकर

नयी दिल्ली : मुंबई 26/11/2008 हमले के मास्टर माइंड और अमेरिका से प्रत्यर्पित आतंकवादी तहव्वुर हुसैन राणा से एनआईए हरेक राज निकलवाने की चेष्टा कर रही है। एनआईए सूत्रों की मानें तो एनआईए इसके लिए शीघ्र कुछ गवाहों से उसका सामना कराया जा सकता है। एनआईए हेड क्वार्टर में शनिवार को पूछताछ के दौरान तहव्वुर राणा से उसकी कुछ व्यक्तिगत जानकारियां मिली हैं।

इसके अतिरिक्त हमलों के षड्यंत्र में शामिल कुछ अन्य महत्वपूर्ण साजिशकर्ताओं के बारे में जब साक्ष्य तहव्वुर को दिखाए गए तो वह एनआईए अधिकारियों के समझ हैरत में आ गया। अन्य साजिशकर्ताओं को लेकर तहव्वुर राणा की ‘हां’ से एनआईए को अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां मिलने की आशा बंध गयी है। एनआईए के सूत्रों ने बताया कि जल्द ही तहव्वुर राणा का सामना एक अहम गवाह से करवाया जा सकता है। कई अन्य साक्ष्य तथा दस्तावेज दिखाकर तहव्वुर से गहरे राज खुलवाए जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) जिस गवाह से तहव्वुर का आमना सामना कराना चाहती है, उसका कोड नाम ‘बी’ है और इससे जुड़ी जानकारी भी गुप्त रखी जा रही है।

कौन है ‘बी’ ?

‘बी’ वही व्यक्ति है, जिसने 2006 में मुंबई में डेविड कोलमैन हेडली का स्वागत किया था और उसके ठहरने के अतिरिक्त जरूरी प्रबंध किए थे। सूत्रों के मुताबिक सितंबर 2006 में जब हेडली भारत आया था तो उसे रिसीव करने वाला व्यक्ति ‘बी’ ही था, जिसे तहव्वुर राणा ने फोन कर हेडली के लिए सभी जरूरी प्रबंध करने को कहा था। एनआईए 18 दिनों की पूछताछ के दौरान गवाह ‘बी’ से राणा का आमना-सामना करवा सकती है। एनआईए को शुरुआती पूछताछ में मालूम हुआ है कि तहव्वुर राणा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चिचबुतनी गांव का रहने वाला है।

मिस्ट्री गर्ल पर निगाह

एनआईए की निगाह उस ‘मिस्ट्री गर्ल’ पर भी है, जो तहव्वुर राणा के साथ भारत में उसके परछाईं की तरह दिखी थी। उत्तर प्रदेश के आगरा और हापुड़ में तहव्वुर राणा को जिस ‘मिस्ट्री गर्ल’ के साथ देखा गया, उसके बारे में एनआईए जानकारी बटोर रही है। तहव्वुर राणा से हापुड़, आगरा और दिल्ली वाले एक लोकेशन के बारे में भी पूछताछ हुई है लेकिन उसके उत्तर संतोषजनक नहीं मिले हैं। तहव्वुर राणा जब इन शहरों में गया था तब उसने ‘मिस्ट्री गर्ल’ को अपनी ‘बीवी’ बताया था।

सेना की वर्दी से लगाव

तहव्वुर राणा ने पूछताछ के दौरान एनआईए ने अधिकारियों को बताया है कि उसे आर्मी वाली ड्रेस से बेहद लगाव था। तहव्वुर ने एनआईए को बताया है कि उसका एक भाई पत्रकार है। तहव्वुर राणा अक्सर आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े मामलों की बैठक में शामिल होने के दौरान पाकिस्तानी सेना की ड्रेस पहनता था। आतंकवादी राणा को पाकिस्तानी फौज की वर्दी का इतना शौक था कि सेना छोड़ने के बाद भी वह अक्सर वर्दी या फौजी कपड़े पहनकर साजिद मीर और मेजर इकबाल जैसे लोगों से मिलने जाता था।

हेडली मिला था लश्कर कमांडर्स से

एनआईए सूत्रों के अनुसार, गवाह ‘बी’ राणा का बेहद नजदीकी है तथा उसके पास भी महत्वपूर्ण जानकारियां हैं। जब सन् 2006 के आसपास मुंबई हमलों का षड्यंत्र रचा जा रहा था तब हेडली पाकिस्तान गया था और वहां लश्कर के नेताओं से मिला था।

बचाने की हरसंभव कोशिश

प्रत्यर्पण से तहव्वुर राणा को बचाने के लिए उसके वकील जॉन डी क्लाइन ने अंतिम समय तक अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में नाकाम कोशिश की थी। जानकारी के अनुसार, क्लाइन ने अमेरिका के विदेश विभाग के सचिव मार्को रुबियो को पत्र लिखकर तहव्वुर राणा के स्वास्थ्य और भारत में राणा को प्रताड़ित करने का हवाला भी दिया था। इसी आधार पर उसने प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग की थी।

दुबई कनेक्शन भी

एनआईए सूत्रों के मुताबिक, तहव्वुर राणा से पूछताछ के दौरान उसके दुबई संपर्कों के बारे में भी एनआईए अधिकारियों ने सवाल-जवाब किया है। सूत्रों के मुताबिक, राणा दुबई में इस व्यक्ति से मिला था जिसे मुंबई हमले के बारे में पूर्व जानकारी हासिल थी।

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