नई दिल्ली - ट्रंप की शुल्क घोषणा में भारत पर पड़ने वाले असर के बारे में देखा जाए तो दवा और ऊर्जा उत्पादों को इस नए शुल्क से छूट मिली है। भारत अमेरिका को हर साल लगभग 9 अरब डॉलर के फार्मा और ऊर्जा से जुड़े उत्पाद बेचता है। अमेरिका ने कुछ और उत्पादों को भी नए टैक्स से छूट दी है। इनमें तांबा, सेमीकंडक्टर, लकड़ी और दवाएं शामिल हैं। कीमती धातुएं जैसे सोना और चांदी भी इस नए शुल्क के दायरे में नहीं आए हैं। ऊर्जा और खनिजों से जुड़े कुछ उत्पाद, जो अमेरिका में उपलब्ध नहीं हैं, उन्हें भी शुल्क से छूट दी गई है।
किन उत्पादों में मिली राहत
भारत के जिन उत्पादों को छूट मिली है, उनमें फार्मास्यूटिकल्स , कीमती धातुएं , सेमीकंडक्टर्स, प्रिंटेड सामग्री,सोना, चांदी,प्लेटिनम,पैलेडियम,रोडियम,स्टेनलेस स्टील कचरा और स्क्रैप,जिंक फार्मास्युटिकल्स और विटामिन,इंसुलिन और विटामिन,प्रिंटेड और प्रकाशन सामग्री,समाचार पत्र, जर्नल्स पत्रिकाएं,इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर्स,ट्रांजिस्टर,कॉपर और उसकी विभिन्न श्रेणियां, ऊर्जा और खनिज जिनकी अमेरिका में उपलब्धता नहीं है,ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स, स्टील और एल्युमिनियम उत्पाद आदि शामिल हैं।
वाणिज्य मंत्रालय कर रहा है आकलनःवाणिज्य मंत्रालय अमेरिका द्वारा भारत से आयात पर लगाए गए 27 प्रतिशत के जवाबी शुल्क के प्रभाव का आकलन कर रहा है।एक अधिकारी ने कहा कि यह ‘कोई झटका नहीं है’ और वाणिज्य मंत्रालय इस जवाबी शुल्क के प्रभाव का आकलन कर रहा है। इसके साथ ही अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के लिए भी बातचीत चल रही है।
भारत पर कितना होगा असरः फिच का कहना है कि बाहरी मांग पर भारत की कम निर्भरता इसे 'कुछ हद तक अछूता' बनाती है। इसका मतलब है कि भारत को दूसरे देशों से ज्यादा सामान खरीदने या बेचने की जरूरत नहीं है, इसलिए शुल्क का उस पर ज्यादा असर नहीं होगा।