श्रीहरिकोटाः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के आगामी ‘एलवीएम3 एम6 मिशन’ के तहत 24 दिसंबर को ‘ब्लू बर्ड ब्लॉक-2’ उपग्रह को कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यह मिशन अमेरिका में स्थित एएसटी स्पेसमोबाइल के साथ हुए वाणिज्यिक समझौते का हिस्सा है।
इस ऐतिहासिक मिशन के तहत अगली पीढ़ी के संचार उपग्रह को तैनात किया जाएगा, जिसे दुनिया भर में सीधे स्मार्टफोन तक हाई-स्पीड सेल्युलर ब्रॉडबैंड उपलब्ध कराने के लिए डिजाइन किया गया है।
सरकार-प्राइवेट पार्टनशिप
एएसटी स्पेसमोबाइल (एएसटी एंड साइंस, एलएलसी) पहला और एकमात्र अंतरिक्ष-आधारित सेलुलर ब्रॉडबैंड नेटवर्क विकसित कर रहा है, जो सीधे स्मार्टफोन के माध्यम से सुलभ है और वाणिज्यिक व सरकारी दोनों अनुप्रयोगों के लिए डिजाइन किया गया है। कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर कहा, ‘‘हम आज लगभग छह अरब मोबाइल उपभोक्ताओं को हो रही ‘कनेक्टिविटी’ की समस्या को दूर करने और उन अरबों लोगों तक ब्रॉडबैंड सुविधा पहुंचाने के मिशन पर हैं जो अब भी इंटरनेट से जुड़े नहीं हैं।’’
24 घंटे स्मार्टफोन पर हाई-स्पीड इंटरनेट
एएसटी स्पेसमोबाइल ने सितंबर 2024 में पांच उपग्रह - ब्लू बर्ड 1-5 लॉन्च किए थे, जो अमेरिका और कुछ अन्य चुनिंदा देशों में निरंतर इंटरनेट कवरेज को सक्षम बनाते हैं। अमेरिका में स्थित इस कंपनी ने अपने नेटवर्क सपोर्ट को और मजबूत करने के लिए इसी तरह के और उपग्रह प्रक्षेपित करने की योजना बनाई है तथा इसके लिए दुनिया भर के 50 से अधिक मोबाइल ऑपरेटर के साथ साझेदारी की है।
आगामी मिशन के तहत, एएसटी स्पेसमोबाइल अपने अगली पीढ़ी के संचार उपग्रह ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 को लॉन्च करने की योजना बना रहा है, जिसे 24 घंटे दुनिया भर में सीधे स्मार्टफोन तक हाई-स्पीड सेल्युलर ब्रॉडबैंड उपलब्ध कराने के लिए डिजाइन किया गया है।
उपग्रह से सीधे मोबाइल कनेक्टिविटी प्रदान करना उद्देश्य
इसरो के अनुसार, यह मिशन न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड और एएसटी स्पेसमोबाइल (एएसटी एंड साइंस, एलएलसी) के बीच हुए समझौते के तहत एक समर्पित वाणिज्यिक प्रक्षेपण होगा। न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड, बेंगलुरु में स्थित इसरो की वाणिज्यिक शाखा है। ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 मिशन वैश्विक लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) में उपग्रहों के समूह का हिस्सा है जिसका उद्देश्य उपग्रह के माध्यम से सीधे मोबाइल कनेक्टिविटी प्रदान करना है।