केडी पार्थ, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : चुनाव आयोग की ओर से 85 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को एसआईआर सुनवाई से छूट देने के नोटिफिकेशन के बावजूद पश्चिम बंगाल में बुजुर्गों और बीमार मतदाताओं को परेशान किए जाने के आरोप सामने आ रहे हैं। विभिन्न जिलों से ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां गंभीर रूप से अस्वस्थ और अत्यंत वृद्ध मतदाताओं को सुनवाई केंद्रों तक आने को मजबूर होना पड़ा।
102 साल की गांधारी जाना का मामला
पश्चिम मेदिनीपुर के घाटाल ब्लॉक के खासबार गांव की 102 वर्षीय गांधारी जाना को BLO ने 23 दिसंबर को नोटिस देकर सुनवाई में पेश होने को कहा। परिवार का आरोप है कि उन्हें चुनाव आयोग के नये नोटिफिकेशन की जानकारी नहीं दी गई। बाद में BLO ने कहा कि उन्हें आने की जरूरत नहीं है, लेकिन 2002 की मतदाता सूची में नाम होने के बावजूद मैपिंग में गड़बड़ी पर कोई जवाब नहीं मिला।
बीमार और बुजुर्गों की मजबूरी
शांतिनिकेतन की 65 वर्षीय सजल बाग नाक में ट्यूब लगाकर सुनवाई के लिए पहुंचीं। नदिया की 75 वर्षीय रोकैया बेगम और उनके पति छड़ी के सहारे सुनवाई में आए और खड़े न रह पाने के कारण कुर्सियां किराए पर लेनी पड़ीं। दोनों ने सभी दस्तावेज देने के बावजूद बुलाये जाने पर नाराज़गी जताई।
विभिन्न जिलों से परेशान करने वाली तस्वीरें
बर्दवान में 84 वर्षीय सुमिता मुखर्जी को बीमार हालत में सुनवाई के लिए आना पड़ा। दुर्गापुर गवर्नमेंट कॉलेज में सुनवाई के दौरान एक बुजुर्ग महिला की तबीयत बिगड़ गई। बारासात के 65 वर्षीय सुनील बारुई को पीठ दर्द के कारण एम्बुलेंस हायर कर 14 किलोमीटर दूर केंद्र तक जाना पड़ा।
मंत्री और राजनीतिक प्रतिक्रिया
राज्य के मंत्री अरूप रॉय ने हियरिंग सेंटर्स में बुजुर्गों और बीमारों के लिए अलग व्यवस्था की मांग की। तृणमूल कांग्रेस ने भी मुख्य चुनाव अधिकारी के सामने आपत्ति जताई, जिसके बाद आयोग ने छूट संबंधी नोटिफिकेशन जारी किया।