कोलकाता - वक्फ (संशोधन) विधेयक गुरुवार को 12 घंटे की लंबी बहस के बाद लोकसभा में पारित हो गया। विधेयक को लंबी और विवादास्पद बहस के बाद राज्यसभा में मंजूरी दी गई। वक्फ संशोधन विधेयक को उच्च सदन में 128 मतों के पक्ष में और 95 मतों के विपक्ष में पारित किया गया। इससे पहले लोकसभा में इसे मंजूरी मिली, जहां 288 सांसदों ने इस विधेयक का समर्थन किया था, जबकि 232 ने इसके खिलाफ वोट दिया था।
हम वक्फ को निष्प्रभावी करने के लिए संशोधन लाऐंगे - ममता बनर्जी
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि भाजपा देश को बांटने के लिए वक्फ विधेयक लेकर आई है और एक बार नई सरकार बनने पर वह इसे निष्प्रभावी करने के लिए संशोधन लाएगी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ''जब मौजूदा सरकार को हटाकर नई सरकार बनेगी, तो हम इस वक्फ बिल को निष्प्रभावी करने के लिए एक नया संशोधन लाएंगे।'' उन्होंने कहा, ''बीजेपी देश को बांटने के लिए यह बिल लेकर आई है।'' यह सब बोलते हुए सीएम ममता ने भाजपा की काफी आलोचना की।
नखोदा मस्जिद के इमाम ने भी वक्फ पर विरोध जताया
नखोदा मस्जिद के इमाम मोहम्मद शफीक कासमी ने कहा कि वे वक्फ बिल का विरोध करते हैं, लेकिन अभी तक यह तय नहीं कर पाए हैं कि शुक्रवार की नमाज के दौरान इसका विरोध करना है या नहीं। "यह इस बात पर निर्भर करता है कि AIMPLB हमें क्या बताता है।" "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुसलमानों पर 'ज़ुल्म' (अन्याय) कर रहे हैं। यह संशोधन विधेयक एक खास समुदाय पर एकतरफा अत्याचार है। क्या हमारे समुदाय के लोगों ने इसीलिए आज़ादी की लड़ाई लड़ी? सिर्फ़ इसलिए कि उनकी संपत्ति छीन ली जाए? मैं चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को भी इस कानून का समर्थन करने के लिए दोषी ठहराता हूं।"