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पूलकार सुरक्षा पर राज्य सरकार सख्त

बच्चों की सुरक्षा के लिए नये दिशानिर्देश जारी

कोलकाता: उलूबेड़िया में हुए दर्दनाक पूलकार हादसे से सबक लेते हुए राज्य सरकार ने राज्यभर में स्कूल वैन (पूलकार) को लेकर सख्त कदम उठाए हैं। बता दें कि उबूबेड़िया में हुए पूलकार हादसे में तीन बच्चों की मौत हो गयी थी। सोमवार को परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने सभी पूलकार संगठनों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर चार अहम प्रतिबंध और कई दिशानिर्देश जारी किए हैं।

निर्णय लिया गया है कि राज्य के हर स्कूल के सामने पूलकार संबंधी निर्देशों को फ्लेक्स बोर्ड के रूप में लगाया जाएगा। इन फ्लेक्स बोर्डों को समय पर लगाने की जिम्मेदारी पूलकार संगठनों को दी गयू है। बैठक में यह मुद्दा भी सामने आया कि कई निजी स्वामित्व वाली (सफेद नंबर प्लेट) गाड़ियाँ पूलकार के रूप में चल रही हैं। मंत्री ने आईजी ट्रैफिक को इस पर विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए।

हालांकि सरकार ने सफेद प्लेट वाली पूलकारों को पूरी तरह बंद करने का निर्णय नहीं लिया है। इसके बजाय, प्रत्येक जिले के परिवहन अधिकारियों को सभी ऐसे वाहनों की सूची तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं। इन वाहनों को नियमित अंतराल पर फिटनेस टेस्ट कराना होगा और रिपोर्ट जमा करनी होगी।

रिपोर्ट संतोषजनक होने पर ही उन्हें पूलकार के रूप में चलने की अनुमति दी जाएगी। बैठक में यह भी सामने आया कि कई पूलकार बेहद जर्जर अवस्था में सड़कों पर चल रहे हैं, जो बच्चों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं। इसलिए पुलिस को निर्देश दिये गये हैं कि ऐसे वाहनों को रोककर उनकी फिटनेस की जांच की जाये।

वर्तमान में कोलकाता, हावड़ा, हुगली और दो 24 परगना जिलों में लगभग 3,500 से अधिक पंजीकृत पूलकार चलते हैं, जबकि उत्तर बंगाल व गौरबंग प्रदेश में इनकी संख्या 6,000 से 7,000 तक है।

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