नयी दिल्ली : उपराष्ट्रपति निर्वाचन की प्रक्रिया आधिकारिक रूप से शुरू हो चुकी है। निर्वाचन आयोग ने राज्यसभा सचिवालय के महासचिव पीसी मोदी को निर्वाचन अधिकारी (रिटर्निंग ऑफिसर) नियुक्त कर दिया है। इसके साथ ही राजग, खासतौर पर भाजपा, अब उम्मीदवार के चयन पर विचार-विमर्श शुरू करेगी। इस बीच संकेत हैं कि विपक्ष भी अपना उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है।
‘धनखड़ जैसा प्रयोग’ नहीं दोहराया जायेगा
लोकसभा और राज्यसभा के कुल 782 सांसदों वाले इलेक्टोरल कॉलेज में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पास करीब 425 सांसदों का समर्थन है। ऐसे में संख्या के लिहाज से राजग उम्मीदवार की जीत लगभग तय मानी जा रही है। पार्टी और उसके सहयोगियों के बीच यह स्पष्ट राय बनती दिख रही है कि इस बार ‘धनखड़ जैसा प्रयोग’ नहीं दोहराया जायेगा। यही वजह है कि उपराष्ट्रपति पद को लेकर सत्ता पक्ष पूरी रणनीतिक बढ़त के साथ आगे बढ़ रहा है। गौरतलब है कि जगदीप धनखड़ ने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद यह पद रिक्त हो गया है। उपसभापति हरिवंश फिलहाल राज्यसभा की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
भाजपा की कोर टीम ने अब तक औपचारिक चर्चा शुरू नहीं की
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार भाजपा की कोर टीम ने भले ही अब तक औपचारिक चर्चा शुरू नहीं की है। संगठन से जुड़े, अनुभवी और राजनीतिक रूप से भरोसेमंद चेहरे को प्राथमिकता दी जा सकती है लेकिन ज्यादा संभावना इस बात की है कि भाजपा अपने ही किसी वरिष्ठ नेता को नामित करे। जदयू सांसद हरिवंश का नाम भी संभावित उम्मीदवारों में चर्चा में है। राज्यसभा के उपसभापति के रूप में सात साल के कार्यकाल में उन्होंने सरकार के साथ अच्छा तालमेल कायम किया है।
सहयोगी दल को मिलेगा प्रतिनिधित्व!
अब तक भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने प्रमुख सांविधानिक पदों पर सहयोगी दलों को अपेक्षाकृत कम प्रतिनिधित्व दिया है। हाल ही में तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) नेता गजपति राजू को राज्यपाल बनाये जाने को अपवाद के तौर पर देखा जा रहा है। उधर बिहार में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा निर्वाचन और अगले साल पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और असम जैसे बड़े राज्यों में निर्वाचनों को देखते हुए सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरण भी उम्मीदवार चयन में अहम भूमिका निभा सकते हैं। विपक्ष की ओर से भी संकेत दिए गये हैं कि वो निर्वाचन में उतरने को तैयार है। भले ही नतीजा कुछ भी हो, लेकिन विपक्ष एक राजनीतिक संदेश देना चाहता है। विपक्ष ने 2022 में भी मारग्रेट अल्वा को उम्मीदवार बनाकर राजग प्रत्याशी धनखड़ के खिलाफ निर्वाचन लड़ा था।
दो सहायक निर्वाचन अधिकारी भी नियुक्त
इस बीच निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर बताया कि कानून एवं न्याय मंत्रालय से परामर्श और राज्यसभा के उपसभापति की सहमति के बाद राज्यसभा सचिवालय के महासचिव पीसी मोदी को उपराष्ट्रपति निर्वाचन के लिए निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही गरिमा जैन (संयुक्त सचिव, राज्यसभा सचिवालय) और विजय कुमार (निदेशक, राज्यसभा सचिवालय) को सहायक निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया गया है।