टॉप न्यूज़

पैन कार्ड की तरह अब वोटर आईडी भी होगी आधार से लिंक

चुनाव आयोग ने 18 को बुलायी अहम बैठक

नयी दिल्ली : निर्वाचन आयोग चुनावी पारदर्शिता बढ़ाने के मकसद से पैन कार्ड की तरह अब मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) को भी आधार से जोड़ने की योजना पर गंभीरता से काम कर रहा है। इस सिलसिले में अगले हफ्ते 18 मार्च को आयोग की अहम बैठक होने जा रही है, जिसमें गृह मंत्रालय, कानून मंत्रालय और आधार जारी करने वाली संस्था यूआईडीएआई के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे। इस पहल का मकसद फर्जी और डुप्लीकेट वोटरों को चिह्नित कर मतदाता सूची को और साफ-सुथरा बनाना है।

मकसद मतदाता सूची को सुधारना

आधिकािरक सूत्रों के अनुसार 2021 में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में संशोधन के बाद निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं से स्वेच्छा से आधार नंबर एकत्र करने शुरू किये थे। हालांकि अभी तक आयोग ने आधार और मतदाता पहचान पत्र के डेटाबेस को लिंक नहीं किया है। यह प्रक्रिया इसलिए लायी गयी थी ताकि डुप्लीकेट वोटर पंजीकरण की पहचान कर मतदाता सूची को शुद्ध किया जा सके लकिन आधार को लिंक कराना अनिवार्य नहीं किया गया।

तृणमूल कांग्रेस ने उठाया है डुप्लीकेट वोटरों का मुद्दा

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार, निर्वाचन आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और निर्वाचन आयुक्त विवेक जोशी इस मसले पर 18 मार्च को केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, विधायी विभाग के सचिव राजीव मणि और यूआईडीएआई के सीईओ भुवनेश कुमार से मुलाकात करेंगे। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्यों में एक ही ईपीआईसी नंबर वाले मतदाताओं का मुद्दा उठाया है।

आयोग ने माना गलती हुई

इस पर आयोग ने माना है कि कुछ राज्यों में गलत अल्फान्यूमेरिक सीरीज के कारण एक ही नंबर दोबारा जारी कर दिये गये थे। आयोग ने हाल ही में घोषणा की थी कि जिन मतदाताओं को डुप्लीकेट ईपीआईसी नंबर जारी हुए हैं, उन्हें अगले तीन महीनों के भीतर नये नंबर दिये जायेंगे। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि एक ही ईपीआईसी नंबर होने का मतलब यह नहीं कि मतदाता फर्जी हैं बल्कि कोई भी मतदाता सिर्फ उसी निर्वाचन क्षेत्र में वोट डाल सकता है जहां वह पंजीकृत है।

SCROLL FOR NEXT