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वीकेएसए ने अब तक 142 जागरुकता कार्यक्रम आयोजित कर पूरे द्वीप समूह में बनायी पहुंच

सन्मार्ग संवाददाता

श्री विजयपुरम : राष्ट्रव्यापी प्री-खरीफ अभियान ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सभी क्षेत्रों में सक्रिय रूप से लागू किया जा रहा है। कृषक समुदाय को सशक्त बनाने के उद्देश्य से चलाए जा रहे इस अभियान के तहत भारत सरकार की विभिन्न कृषि योजनाओं के बारे में जागरुकता बढ़ाने और कृषि क्षेत्र में उत्पादकता और स्थिरता बढ़ाने के लिए आधुनिक कृषि तकनीकों को पेश करने में सफलता मिल रही है। केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में इस अभियान को विभागीय अधिकारियों, कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) और अन्य संबंधित हितधारकों द्वारा संयुक्त रूप से क्रियान्वित किया जा रहा है। पूरे द्वीप समूह के किसानों की ओर से उत्साहपूर्ण भागीदारी की सूचना मिली है, साथ ही अभियान की गतिविधियां ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों तक भी पहुंच रही हैं। दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में किसानों तक पहुंचने के एक सराहनीय प्रयास में नानकॉरी द्वीप समूह में भी अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें अधिकारी नावों से यात्रा कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी किसान पीछे न छूट जाए। इन दूरदराज के स्थानों के किसानों ने जागरुकता कार्यक्रमों में उत्साहपूर्वक भागीदारी दिखाई है, जो मजबूत सामुदायिक जुड़ाव और अभियान के तहत प्रचारित टिकाऊ कृषि पद्धतियों में बढ़ती रुचि को दर्शाता है। कृषि रथ ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों से गुजर रहा है, किसानों के लिए जागरुकता सत्रों सहित कई आउटरीच गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। कृषि रथ सूचनात्मक बैनर और ऑडियो सिस्टम से सुसज्जित हैं जो विभिन्न सरकारी योजनाओं और सर्वोत्तम कृषि पद्धतियों के बारे में संदेश प्रसारित करते हैं, जिससे सबसे दूरदराज के क्षेत्रों में भी प्रभावी संचार सुनिश्चित होता है। यह पहल “विकसित कृषि संकल्प विहार” अभियान के तहत किसानों की जागरुकता और भागीदारी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। विकसित कृषि संकल्प अभियान (वीकेएसए) के हिस्से के रूप में अब तक पूरे द्वीप समूह में कुल 142 जागरुकता शिविर आयोजित किए गए, जिसके तहत आयोजित विभिन्न जागरुकता कार्यक्रमों में 17871 किसानों की सक्रिय भागीदारी रही। यह कार्यक्रम विभिन्न ब्लॉकों और गांवों में विभिन्न चरणों में जारी रहेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक किसान को समग्र कृषि विकास के लिए प्रासंगिक जानकारी और सहायता प्रणाली तक पहुंच प्राप्त हो।

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