सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : वीर सावरकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आगमन टर्मिनल के बाहर वेटिंग एरिया जो आगमन और प्रस्थान क्षेत्रों के बीच स्थित है, अंडमान पर्यटन उद्योग के लिए असुविधा और शर्मिंदगी का विषय बन गया है। हालांकि अक्सर टूर ऑपरेटरों, कैब ड्राइवरों और मेहमानों की अगवानी करने के लिए इंतजार कर रहे परिवार के सदस्यों से भरा हुआ यह क्षेत्र बुनियादी सार्वजनिक सुविधाओं से भी वंचित है। यात्रियों और पर्यटन हितधारकों ने वेटिंग एरिया में सीलिंग फैन भी नहीं होने पर चिंता जताई है। क्षेत्र की गर्म और आर्द्र जलवायु कभी-कभी प्रतीक्षा को असुविधाजनक बना देती है। इस क्षेत्र में छत का काम अधूरा रह जाना मामले को और भी बदतर बनाता है। नतीजतन, उपलब्ध कुछ सीटें अक्सर पक्षियों के मल से दागदार हो जाती हैं, जिससे वे उपयोग के लायक नहीं रह जाती हैं। सूत्रों के अनुसार एयरपोर्ट से बाहर निकलने पर पर्यटक सबसे पहले यही देखते हैं। यहां अपर्याप्त बुनियादी ढांचे का मुद्दा नया नहीं है।
2023 में चक्रवाती मौसम के कारण ढह गई थी हवाई अड्डे की छत
बता दें कि जुलाई 2023 में हवाई अड्डे के नए-नवेले हिस्से की छत चक्रवाती मौसम के कारण ढह गई। यह घटना इसके उद्घाटन के कुछ ही दिनों बाद हुई थी। आज भी क्षतिग्रस्त संरचना की मरम्मत नहीं की गई है। पंखे और छायादार बैठने की जगह की कमी के अलावा, प्रतीक्षा क्षेत्र में पीने के पानी की सुविधा और पास में शौचालय ब्लॉक की भी कमी है। शौचालय की जरूरत वाले आगंतुकों को वाहन पार्किंग क्षेत्र तक पैदल चलने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जिससे बुजुर्गों और बच्चों वाले परिवारों को असुविधा होती है।
यह कहा पर्यटन संचालकों ने
एक पर्यटन संचालक ने कहा कि यह कोई बड़ी समस्या नहीं है, लेकिन इनका असर बहुत बड़ा है। इससे हमारे द्वीपों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचती है। अंडमान खुद को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित कर रहा है, इसलिए इसके मुख्य हवाई अड्डे की सार्वजनिक सुविधाओं की स्थिति यात्रियों द्वारा अपेक्षित मानकों के अनुरूप होनी चाहिए। त्वरित उन्नयन और बुनियादी सुविधाएं द्वीपों की समग्र छवि को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण अंतर ला सकती हैं।