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वन महोत्सव में बाधक बन रही हैं हाथियों की गतिविधियां

जिला प्रशासन और विभाग का बढ़ा सरदर्द

झाड़ग्राम: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में आयोजित होने वाला सप्ताहव्यापी 'वन महोत्सव' इस वर्ष अप्रत्याशित संकट का सामना कर रहा है। राज्य वन विभाग द्वारा संचालित यह महत्त्वपूर्ण पर्यावरणीय कार्यक्रम अब अगले सोमवार 14 जुलाई को झाड़ग्राम में आयोजित किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, पहले इसे सिलीगुड़ी में आयोजित करने की योजना थी, लेकिन राज्य सचिवालय नवान्न द्वारा दिए गए निर्देशानुसार अपरिहार्य कारणों से इसका झाड़ग्राम में स्थान परिवर्तित किया गया है। वन विभाग के अनुसार, झाड़ग्राम जिले में लगभग 103 जंगली हाथी स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं, जिससे पूरे कार्यक्रम की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई जा रही है। मानसून के मौसम को हाथियों और अन्य जंगली जानवरों के प्रजनन का मौसम माना जाता है। इस समय हाथी अपने साथी की तलाश में स्वतंत्र रूप से घूमते रहते हैं। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन हाथियों की अनियंत्रित गतिविधियों के कारण कार्यक्रम स्थल और उपस्थित लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती बन गया है।

वन मंत्री बीरबाहा हांसदा पूरे हालात पर पल-पल नजर रख रही हैं

राज्य सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। कार्यक्रम स्थल और उसके आसपास अतिरिक्त पुलिस बल और वन रक्षकों की तैनाती की जा रही है। साथ ही 24 घंटे गश्त की व्यवस्था की गई है ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके। वन मंत्री बीरबाहा हांसदा पूरे हालात पर पल-पल नजर रख रही हैं। शनिवार को वह 'अरण्य भवन' से इस महोत्सव से संबंधित दो झांकियों का उद्घाटन करेंगी। उल्लेखनीय है कि वन महोत्सव का उद्देश्य राज्य में हरित तथा वन्य जीवन को लेकर जागरूकता फैलाना और वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करना है। बावजूद इसके, जंगली हाथियों की मौजूदगी ने इस प्रयास को कठिन बना दिया है। राज्य सरकार फिलहाल स्थिति पर नजर बनाए हुए है और उम्मीद है कि सभी सुरक्षा उपायों के साथ कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न होगा।

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