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Uttarakhand Avalanche: 10 मजदूरों को बचाया गया, 47 अब भी लापता

47 मजदूर अब भी लापता

नई दिल्ली - उत्तराखंड से बड़ी खबर आ रही है। उत्तराखंड के चमोली में भीषण हिमस्‍खलन में 57 मजदूर दब गए। जहां हिमस्‍खलन हुआ वहां सड़क बनाने का काम चल रहा था। चमोली के माणा स्थित बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन के कैंप के पास ग्लेशियर फटने की वजह से यह बड़ा हादसा हुआ। घटना होने से लेकर अब तक 10 मजदूरों को बजा लिया गया है। बाकी मजदूरों के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। मौके पर राहत और बचाव दल को भेजने की कोशिश की जा रही है। भारी बर्फबारी के कारण बचाव कार्य करने में परेशानी आ रही है।

बचाय गए मजदूरों को भेजा गया अस्पताल

IG नीलेेश आनंद भरणे ने बताया कि बचाय गए मजदूरों को माणा के पास आर्मी अस्पताल में भेज दिया गया है। इसके लिए 4 से 5 एंबुलेंस की मदद ली गई। अब भी बर्फबारी इतनी तेज है कि बचाव दल को वहां पहुंचने में काफी दिक्कत आ रही है।

डीएम ने दी जानकारी

चमोली के डीएम संदीप तिवारी ने बताया कि मौसम खराब होने की वजह से अभी रेस्कयू ऑपरेशन शुरू भी नहीं हो पाया है। इलाके में लगातार बर्फबारी हो रही है। बर्फबारी की वजह से हेलीकॉप्टर भी वहां नहीं जा सकता। जहां यह हादसा हुआ है वह ऐसा इलाका है जो नो-नेटवर्क जोन है। वहां पर सेटेलाइट फोन भी काम नहीं कर पा रहे हैं। हमारी कोशिश है कि सभी को रेस्‍क्यू किया जा सके।

सीएम धामी ने जताया दुख

इस घटना को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा," जनपद चमोली में माणा गांव के निकट BRO द्वारा संचालित निर्माण कार्य के दौरान हिमस्खलन की वजह से कई मजदूरों के दबने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। ITBP, BRO और अन्य बचाव दलों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य संचालित किया जा रहा है। भगवान बदरी विशाल से सभी श्रमिक भाइयों के सुरक्षित होने की प्रार्थना करता हूं।"

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