नई दिल्ली - अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गाजा पट्टी को अमेरिका के कंट्रोल में लेने की बात कही। ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका गाजा पट्टी पर कब्जा करेगा और वहां पर रिजॉर्ट सिटी बनाई जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि यह पश्चिमी एशिया के लिए रोजगार और टूरिज्म का सेंटर बनेगा।
ट्रम्प ने कहा-
"गाजा बारूदी सुरंगों और आतंकी गुफाओं से पटा पड़ा है। पूरे गाजा को समतल बना कर वहां इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया जाएगा। बदहाल गाजा अब शापित जगह है, वहां कोई नहीं जाना चाहता है।"
UN ने जारी किया बयान
इस बयान के बाद मिडिल ईस्ट के कई देशों ने ट्रम्प के बयान का विरोध किया है। सऊदी अरब ने कहा कि हम फिलिस्तीन के लोगों के साथ खड़े हैं। हम गाजा में किसी भी तरह की घुसपैठ का विरोध करते हैं। वहीं दूसरी तरफ UN का कहना है कि गाजा में किसी भी प्रकार से कब्जा करना और वहां के लोगों को विस्थापित करना अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ है। गाजा में मानवाधिकारों का उल्लंघन करना पूरी तरह से गलत है।
ट्रम्प को है नेतन्याहू का समर्थन
अंतरराष्ट्रीय नियम और संधियां ट्रम्प के प्लान के आड़े आ सकती हैं। आपको बता दें कि ट्रम्प को नेतन्याहू का समर्थन है। वह ट्रम्प को गाजा लीज पर दे सकते हैं। वर्तमान में गाजा का स्वायत्तशासी क्षेत्र फिलिस्तीन के पास है, लेकिन सैन्य और प्रशासनिक कब्जा इजराइल के पास ही है।
यह देश कर रहे हैं विरोध
डोलाल्ड ट्रम्प के प्लान के विरोध में प्रमुख अरब देश साथ आ गए हैं। इस प्लान के विरोध में सऊदी अरब, जॉर्डन, कतर, तुर्किये एक साथ आ चुके हैं। हमास ने इसे नरसंहार करार दिया है। अमेरिकी डेमोक्रेट्स ने भी गाजा में अमेरिका के कब्जे का विरोध किया है।