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भारत- पाक मामले में ट्रंप का 7वीं बार मध्यस्थता का दावा

भारत- पाक मामले में ‘बड़ी सफलता' हासिल की जिसका श्रेय मुझे कभी नहीं दिया जाएगा : ट्रंप

न्यूयॉर्क : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान से बातचीत करना और उन्हें (पूर्ण युद्ध) के कगार से वापस लाना उनकी इतनी ‘बड़ी सफलता’ है कि उसका उचित श्रेय उन्हें कभी नहीं मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच ‘बहुत नफरत’ है और तनाव उस स्तर पर पहुंच गया था जहां अगला चरण संभवतः ‘परमाणु’ (इस्तेमाल) था। ट्रंप ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘यह मेरी इतनी बड़ी सफलता है कि इसका उचित श्रेय मुझे कभी नहीं मिलेगा। वे बड़ी परमाणु शक्तियां हैं। उनमें जरा भी समानता नहीं है। वे आक्रोशित थे।’ पिछले कुछ दिनों में यह सातवीं बार है जब ट्रंप ने यह दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव खत्म कराने में मदद की।

साक्षात्कार के दौरान ट्रंप से पश्चिम एशिया की उनकी यात्रा से पहले की ‘विदेश नीति की कुछ सफलताओं’ का जिक्र करते हुए पूछा गया कि क्या उन्होंने भारत और पाकिस्तान को फोन किया था। ट्रंप ने जवाब दिया, ‘हां, मैंने किया था।’ साक्षात्कार लेने वाले ने कहा कि यह एक सफलता है।

परमाणु युद्ध की ओर बढ़ रहे थे...

ट्रंप ने कहा, ‘क्या आपने देखा कि यह (संघर्ष) किस दिशा में जा रहा था? यह जैसे को तैसा की तरह था। यह गहराता जा रहा था। मेरा मतलब है कि मिसाइलों का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा था। दोनों मजबूत हैं। लिहाजा अगले जिस चरण पर यह पहुंचने वाला था, आप जानते हैं कि वह क्या है? ‘एन’।’

साक्षात्कार लेने वाले ने पूछा कि क्या ‘एन’ शब्द का मतलब ‘न्यूक्लियर’ (परमाणु) है? ट्रंप ने कहा, ‘यह ‘एन’ शब्द है। यह बहुत बुरा शब्द है, है न? कई मायनों में। परमाणु अर्थ में इस्तेमाल किया जाने वाला एन शब्द, सबसे बुरी चीज हो सकती है। मुझे लगता है कि वे बहुत करीब थे। नफरत बहुत ज़्यादा थी। मैंने कहा, ‘हम व्यापार के बारे में बात करेंगे। हम बहुत सारा व्यापार करने जा रहे हैं’।’

भारत को फिर टैरिफ किंग कहा

ट्रंप ने कहा, ‘मैं व्यापार का उपयोग हिसाब बराबर करने और शांति स्थापित करने के लिए कर रहा हूं। भारत... दुनिया में सबसे ज्यादा शुल्क लगाने वाले देशों में से एक हैं, वे व्यापार को लगभग असंभव बना देते हैं। क्या आपको मालूम है कि वे अमेरिका के लिए अपने शुल्क में 100 प्रतिशत कटौती करने को तैयार हैं?’ इस मुद्दे पर भारत की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या भारत के साथ सौदा जल्द ही होने वाला है, तो उन्होंने कहा, ‘हां, यह जल्द ही होगा। मुझे कोई जल्दी नहीं है। देखिए, हर कोई हमारे साथ सौदा करना चाहता है। दक्षिण कोरिया एक सौदा करना चाहता है... लेकिन मैं हर किसी के साथ सौदा नहीं करना चाहता। मैं बस सीमा तय करने जा रहा हूं। मैं कुछ और सौदे करूंगा। 150 देश हैं जो सौदे करना चाहते हैं।’

तीन दिन में पाक को घुटनों पर ला दिया था भारत ने

भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में सात मई की सुबह 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत आतंकवादियों के ठिकानों पर हमले किए थे। पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी। भारत की कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान ने आठ, नौ और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। इसके बाद भारतीय सेना ने कई पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर भीषण जवाबी हमला किया। चार दिन तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव समाप्त करने के लिए 10 मई को सहमति बनी थी। ट्रंप ने 10 मई को घोषणा की थी कि अमेरिका की मध्यस्थता में ‘लंबी बातचीत’ के बाद भारत और पाकिस्तान ‘पूर्ण और तत्काल संघर्षविराम’ पर सहमत हो गए हैं।

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