नई दिल्लीः भारतीय रेलवे ने स्वदेशी रूप से डिजाइन की गई 'वंदे भारत स्लीपर ट्रेन' का अंतिम चरण का हाई-स्पीड परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने के साथ आत्मनिर्भर रेल प्रौद्योगिकी की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर ली है। अधिकारियों ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा, ‘‘रेल सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की देखरेख में किया गया यह परीक्षण कोटा-नागदा खंड पर हुआ, जहां ट्रेन ने 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति प्राप्त की।’’
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन पूर्व में कई बार निर्धारित समय सीमा से चूक चुकी है। नवंबर के मध्य में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि यह ट्रेन दिसंबर 2025 में शुरू की जाएगी। वैष्णव ने 30 दिसंबर को अपने सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' पर सुरक्षा परीक्षण का एक वीडियो साझा किया। वीडियो में पानी से भरे गिलासों की स्थिरता का प्रदर्शन किया गया। ट्रेन की तेज गति के बावजूद पानी से भरे गिलास स्थिर रहे।
रेलमंत्री ने वीडिया जारी कर दिखाया नहीं गिरा गिलास का पानी
रेल मंत्री ने अपने पोस्ट में कहा, ‘‘रेल सुरक्षा आयुक्त द्वारा आज किए गए परीक्षण में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन कोटा-नागदा खंड के बीच 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली। हमारे स्वयं के पानी के गिलास के परीक्षण ने इस नयी पीढ़ी की ट्रेन की तकनीकी विशेषताओं को प्रदर्शित किया।’’
अधिकारियों ने ट्रेन के सुरक्षा परीक्षण के बारे में बताया कि सवारी स्थिरता, दोलन, कंपन व्यवहार, ब्रेकिंग प्रदर्शन, आपातकालीन ब्रेकिंग प्रणाली, सुरक्षा प्रणालियों और अन्य महत्वपूर्ण मापदंडों के आकलन सहित व्यापक तकनीकी मूल्यांकन किए गए।
16 कोच की है हाई स्पीड वंदे भारत स्लीपर ट्रेन
रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने एक प्रेस विज्ञप्ति में दावा किया, ‘‘ उच्च गति पर ट्रेन का प्रदर्शन पूरी तरह संतोषजनक पाया गया और सीआरएस द्वारा परीक्षण को सफल घोषित किया गया। ’’ अधिकारियों के अनुसार, परीक्षण में इस्तेमाल की गई 16 कोच वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन लंबी दूरी के सफर को ध्यान में रखकर डिजाइन की गई है और इसमें यात्रियों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं।