रामबालक, सन्मार्ग संवाददाता
सुंदरवन : रॉयल बंगाल टाइगर की एक झलक पाने की आस में हर साल देश के कोने-कोने से पर्यटक सुंदरवन पहुंचते हैं, लेकिन मां-बाघिन को शावकों के साथ पानी में मस्ती करते देखने के बारे में किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। ऐसा नजारा सचमुच तीन पर्यटकों के मोबाइल कैमरे में कैद हो गया। झड़खाली के देउल भारानी खाड़ी में नाव जैसे ही भीतर घुसी, सामने दिखा अद्भुत दृश्य—मां बाघिन अपने शावकों के साथ पानी में झपाझप, लपलप, एक-दूसरे पर छींटे मारते, शावक मां की पीठ पर चढ़कर मस्ती करते। यह दृश्य शब्दों में बयां करना मुश्किल है। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही चर्चा का केंद्र बन गया। लॉन्च घाटों और बुकिंग काउंटरों पर पर्यटकों की भीड़ इतनी उमड़ी कि संभालना मुश्किल हो गया। सुंदरवन इस समय ‘टाइगर टूरिज्म’ का नया तीर्थ बन गया है। इस उन्माद की वजह बताते हुए पश्चिम बंगाल के वन मंत्री बीरबाहा हांसदा ने कहा, “भीड़ पहले भी देखी है, लेकिन इस बार की उत्तेजना बिल्कुल अलग है। सुंदरवन में बाघों की संख्या सचमुच बढ़ी है। इसका पूरा श्रेय हमारे वनकर्मियों को जाता है।” वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार सुंदरवन में अभी 101 बाघ हैं। एक वन अधिकारी ने बताया, “इस बार तकनीक बहुत उन्नत है। ऐप आधारित निगरानी से सिर्फ बाघों की हरकत ही नहीं, हिरण और जंगली सूअर जैसे शिकार प्रजातियों का डेटा भी मिलेगा। शिकार कम हुआ तो बाघ गांवों की तरफ आएगा, यह जानकारी बहुत अहम है।”
देश का दूसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बना सुंदरवन
राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की मंजूरी के बाद 1,044.68 वर्ग किमी क्षेत्र जोड़कर कुल क्षेत्रफल अब 3,629.57 वर्ग किमी हो गया है। पहले सातवें स्थान पर रहा सुंदरवन टाइगर रिजर्व अब दूसरे स्थान पर पहुंच गया। पहला स्थान आंध्र प्रदेश के नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व (3,727.82 वर्ग किमी) का है।