कोलकाता: संसद के आगामी शीतकालीन सत्र जो 24 नवंबर से शुरू हो सकता है, उससे पहले तृणमूल कांग्रेस अपनी संसदीय टीम में व्यापक बदलाव करने जा रही है। लोकसभा में पार्टी के नेता और तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी इसके लिए सीधे तौर पर कमान संभाल चुके हैं।
अगस्त में लोकसभा दल का नेतृत्व मिलने के बाद से ही वे संगठन की तरह संसदीय कार्य में भी नयी ऊर्जा और पेशेवर दृष्टिकोण लाना चाहते हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, हाल ही में लोकसभा और राज्यसभा सांसदों से सुझाव लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गयी है, जिसे अभिषेक बनर्जी को सौंपा गया है। इसी रिपोर्ट के आधार पर संसदीय टीम में फेरबदल और जिम्मेदारियों का पुनर्वितरण किया जा रहा है।
एक वरिष्ठ तृणमूल नेता के मुताबिक, अभिषेक पारदर्शिता और पेशेवर दक्षता को प्राथमिकता दे रहे हैं, ताकि संसद में पार्टी की भूमिका अधिक प्रभावशाली बन सके। दिल्ली में पार्टी के संसदीय कार्यों के समन्वय के लिए एक सुदृढ़ “बैक-ऑफिस” भी बनाया गया है, जो सांसदों को शोध, भाषण तैयारी और मीडिया समन्वय में मदद करेगा।
सूत्रों का कहना है कि पहले संसदीय टीम में आपसी मतभेद और समन्वय की कमी देखी जाती थी, लेकिन अब निर्णय लिया गया है कि सभी असहमति आंतरिक बैठकों में ही सुलझाई जाएगी। एक वरिष्ठ सांसद ने कहा, अभिषेक चाहते हैं कि संसदीय कामकाज में मतभेद नहीं, बल्कि एकजुटता झलके। पार्टी को उम्मीद है कि आने वाले शीतकालीन सत्र में तृणमूल कांग्रेस एक अधिक संगठित और पेशेवर रूप में संसद में नजर आएगी।