केडी पार्थ, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को सांसद पार्थ भौमिक के नेतृत्व में टीएमसी के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल से मुलाकात कर कड़ी आपत्तियां दर्ज कराईं। इस प्रतिनिधिमंडल में राज्य सरकार की मंत्री शशि पांजा और पुलक राय के साथ बीरबाहा हांसदा भी शामिल थीं। पार्टी ने आरोप लगाया कि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है और 1 करोड़ 36 लाख तथाकथित “तार्किक विसंगति” वाले मतदाताओं को लेकर चुनाव आयोग को स्पष्ट जवाब देना चाहिए। पार्थ भौमिक ने कहा 48 घंटे में जवाब नहीं देने पर पुन: सीईओ का दरवाजा खटखटाने आएंगे।
बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं से अमानवीय व्यवहार
पार्टी ने आरोप लगाया कि 27 दिसंबर से शुरू हुई सुनवाइयों में बुजुर्ग, बेहद कमजोर और दिव्यांग मतदाताओं को दूर-दराज के केंद्रों तक आने को मजबूर किया जा रहा है। इसे टीएमसी ने अमानवीय, पीड़ादायक और गैर-जरूरी करार दिया।
सामाजिक कल्याण गृहों के मतदाताओं की अनदेखी
टीएमसी ने सवाल किया कि वृद्धाश्रम, सामाजिक कल्याण गृह और दिव्यांग केंद्रों में रहने वाले मतदाताओं के लिए अब तक क्या ठोस व्यवस्था की गई है। पार्टी का कहना है कि इस दिशा में कोई “ठोस कदम” नजर नहीं आता।
अनुपस्थित मतदाताओं की दोबारा सुनवाई की मांग
टीएमसी ने स्पष्ट किया कि यदि कोई मतदाता किसी वैध कारण से सुनवाई में शामिल नहीं हो पाया, तो उसे दोबारा तारीख दी जानी चाहिए। नाम काटकर फॉर्म-6 भरने को कहना लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन और असंवैधानिक है।
प्रवासी और बाहर रह रहे मतदाताओं के लिए वर्चुअल सुनवाई
राज्य से बाहर या विदेश में रह रहे मतदाताओं, प्रवासी मजदूरों और छात्रों के लिए ऑनलाइन/वर्चुअल सुनवाई की मांग की गई। टीएमसी ने तर्क दिया कि जब सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में वर्चुअल सुनवाई संभव है, तो मतदाताओं को यह सुविधा क्यों नहीं दी जा सकती।
बूथ लेवल एजेंट को रोकने पर आपत्ति
टीएमसी ने कहा कि मतदाता गणना के दौरान जिन बूथ लेवल एजेंट (BLA) की मदद ली गई, उन्हें अब सुनवाई केंद्रों में प्रवेश से रोका जा रहा है। न कोई लिखित आदेश है, न अधिसूचना—सिर्फ मौखिक निर्देश दिए जा रहे हैं, जो अस्वीकार्य हैं।
मौखिक आदेशों और अस्पष्ट जवाबों पर सवाल
पार्टी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग के कई निर्देश लिखित नहीं हैं और प्रतिनिधिमंडल की मुलाकातों में संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहे। टीएमसी ने कहा कि यदि जवाब नहीं मिले तो आगे कानूनी विकल्पों पर विचार किया जाएगा।
मोगराहाट की घटना पर टीएमसी की प्रतिक्रिया
मोगराहाट में हुई घटना को टीएमसी ने मतदाताओं के उत्पीड़न की प्रतिक्रिया बताया। पार्टी के अनुसार, बार-बार दस्तावेजों के लिए दौड़ाया जाना और अनावश्यक परेशानियां जनता के गुस्से का कारण बन रही हैं।
बीजेपी नेताओं के बयानों पर पलटवार
बीजेपी नेता बी.एल. संतोष के बयान पर टीएमसी ने कहा कि बंगाल को लेकर ऐसी टिप्पणियां उनकी अज्ञानता दर्शाती हैं। पार्टी ने दावा किया कि आगामी चुनावों में तृणमूल कांग्रेस की जीत तय है।
अमित शाह के दौरे पर नजर
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बंगाल दौरे पर टीएमसी ने कहा कि वह भाजपा नेता के रूप में आ रहे हैं और पार्टी उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगी। टीएमसी ने आरोप लगाया कि चुनाव से पहले बाहरी नेता बंगाल आकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश करते हैं।