सबिता, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा में गुरुवार को जमकर हंगामा मचा। भाजपा - तृणमूल दोनों ओर से स्लोगन वॉर चला। शुक्रवार को विधानसभा स्पीकर विमान बनर्जी ने सदस्यों को उदेश्य कर कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने विधानसभा को गणतंत्र का मंदिर बताया और कहा कि इसकी पवित्रता और गरिमा की रक्षा करना सभी सदस्यों की जिम्मेदारी है। स्पीकर ने सदन के सदस्य को और अधिक दायित्वशील बनने का आह्वान किया। स्पीकर ने स्पष्ट किया कि जो बातें आम चौक-चौराहे या सार्वजनिक मंचों पर बोली जाती हैं, वे विधानसभा जैसे पवित्र स्थल में नहीं की जा सकती। इसी तरह, बाहर का अनुचित आचरण विधानसभा के भीतर नहीं होनी चाहिए।
स्पीकर का स्कूल व हेडमास्टर वाला उदाहरण
विमान बनर्जी ने अपनी भूमिका को एक स्कूल के हेडमास्टर के रूप में बताया, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि विधानसभा के सदस्य छात्र नहीं हैं। उन्होंने कहा, स्कूल के छात्र और विधानसभा के सदस्य की भूमिका में फर्क है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सदन में कुछ शरारती छात्र (सदस्य) भी होते हैं, जिनके लिए विशेष उपाय किए जाते हैं। गुरुवार को भी उन्होंने ऐसे शरारती व्यवहार को रोकने के लिए कदम उठाए। उल्लेखनीय है कि स्पीकर ने गुरुवार को पांच विधायकों को इसलिए सस्पेंड किया क्योंकि कार्यवाही में बाधा पहुंचायी गयी। स्पीकर ने कहा कि विधानसभा में कानून अनुसार जो कार्रवाई की जरूरत थी वही किया है।
भाजपा में कोई ऐसा नहीं जो अपने विधायकों को अनुशासित कर सके : शोभनदेव
राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि सीएम ममता बनर्जी को भाजपा विधायक बोलने नहीं दे रहे थे। ऐसा नहीं होना चाहिए था। शोभनदेव के मुताबिक कोई घायल नहीं हुआ। थोड़ी धक्कामुक्की हुई है। शोभनदेव ने कहा कि स्पीकर का निर्देश मानने के लिए मार्शल बाध्य हैं। भाजपा में मुझे लगता है कि ऐसा कोई नहीं है जो उनके विधायकों को समझा सके,अनुशासित कर सके। कोई चार बार पार्टी बदलकर भाजपा में आये तो कोई माकपा से भाजपा में शामिल हुए हैं। उनलोगों को अनुशासन सिखाने वाला कोई नहीं। सीएम ममता बनर्जी खुद वेल पर उतरकर हमलोगों को सीट पर जाने के लिए कहा।
तृणमूल से लोकतंत्र नहीं सीखना : सुकांत
भाजपा के सांसद सुकांत मजूमदार ने शोभनदेव चट्टोपाध्याय पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि हमलोगों को तृणमूल में किसी से गणतंत्र की पद्धति सीखने की आवश्यकता नहीं है जो चोर - चोर कहते हैं।