सन्मार्ग संवाददाता
अलीपुरदुआर : इन दिनों डुआर्स के चाय बागानों की दशा बिगड़ती जा रही है। एक के बाद एक चाय बागान बंद हो रहे हैं। शनिवार को फिर डुआर्स का एक और चाय बागान बंद हो गया। अलीपुरदुआर जिले के कुमारग्राम प्रखंड स्थित तुरतुरी चाय बागान भी शनिवार से बंद हो गया है। बागान मैनेजमेंट बागान में सस्पेंशन आफ वर्क की नोटिस लगाकर बागान बंद करके चला गया हैं। इधर बागान बंद होने से तुरतुरी चाय बागान के 501 श्रमिक परिवारों के जीवन में अंधेरा छा गया है। पता चला कि श्रमिकों के आठ महीने का वेतन बकाया रख कर बागान मैनेजमेंट बागान छोड़ कर चला गया हैं। हर दिन की तरह शनिवार की सुबह जब श्रमिक बागान में काम करने पहुंचे तो देखा कि बागान के गेट पर ताला लगा हुआ है और एक नोटिस भी लगाई गई है। इसके बाद श्रमिकों को पता चला कि बागान बंद कर मैनेजमेंट बागान छोड़कर चला गया। इसके बाद बागान के तमाम श्रमिक हताश हो गए और उन्हें रोजगार की चिंता सताने लगी है।
इस विषय पर बातचीत करने पर श्रमिकों ने बताया कि चाहे बारिश हो या आंधी तूफान हर परिस्थिति में हमसे काम लिए जाते हैं, जबकि हमें बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा जाता है। वक्त पर जो सूखा वेतन मिलना चाहिए, उसको लेकर भी मालिक तरह-तरह के बहाने बनाते हैं। हमारा कई महीनों का वेतन भी बकाया है, कोई सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। मालिक पक्ष ने हमसे आधा वेतन देने की बात कही थी। मालिक को आज वेतन देना था, लेकिन वेतन दिए बिना ही मालिक पक्ष बागान छोड़ कर चला गया।
वहीं दूसरी और बागान मैनेजमेंट ने उपरोक्त नोटिस में यह भी उल्लेख किया है कि बागान में विभिन्न कीट संक्रमण हो गये हैं। बागान अधिकारियों के लिए इस स्थिति को रोकना संभव नहीं है। इसलिए तुरतुरी चाय बागानों में काम बंद किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में चाय उद्योग का पतन किसी से छिपा नहीं है। एक के बाद एक चाय बागान बंद हो रहे हैं। इस बीच तुरतुरी में भी बागान बंद कर दिया गया है। चाय बागान अधिकारियों ने काम बंद करने की नोटिस में साफ तौर पर कहा है कि बागान में कई तरह के कीटों का हमला हो रहा है। नतीजतन, श्रमिकों के लिए काम करना मुश्किल हो रहा है। पेस्ट कंट्रोल का इस्तेमाल करके भी स्थिति पर काबू नहीं पाया जा रहा है। तरह-तरह के पेस्ट कंट्रोल खरीदने की वजह से बागान की आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। ऐसे में बागान चलाना संभव नहीं है। इस बीच बागान बंद होने से श्रमिक चिंतित हैं।