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The Story of "धाकड़ छोरी" - श्रेया लोहिया

भारत की पहली महिला F4 ड्राइवर की प्रेरणादायक कहानी

कोलकाता - समय के साथ हमारा देश आगे बढ़ रहा है। दिन प्रतिदिन भारत से ऐसे लोग सामने आ रहे हैं जो दुनिया भर में अपना और भारत देश का नाम रोशन कर रहे हैं। आज भी भारत में कई ऐसे लोग हैं जो परिस्थिति का बहाना देते रह जाते हैं, तो कई ऐसे भी हैं जो एक बार ठान लेते हैं तो कमाल करके ही छोड़ते हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही लड़की के बारे में बताने जा रहे है। इस लड़की ने कुछ ऐसा कर दिखाया है जो आज तक भारत के इतिहास में और किसी लड़की ने नहीं किया।

पहली महिला F4 ड्राइवर

मिलीए श्रेया लोहिया से। श्रेया लोहिया फॉर्मूला 4 (F4) रेसिंग में भाग लेने वाली पहली भारतीय महिला ड्राइवर हैं। उन्होंने यह काम महज 16 साल की उम्र में कर दिखाया है। इस उम्र में देश में ज्यादातर बच्चे क्या पहनना है यह सोच कर परेशान रहते हैं उसी उम्र में श्रेया ने कमाल करके दिखाया है। उन्होंने ऐसा करके मोटरस्पोर्ट्स के इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है। महज 16 साल की उम्र में उन्होंने देश की शीर्ष रेसिंग टीमों में से एक हैदराबाद ब्लैकबर्ड्स का प्रतिनिधित्व करते हुए पहले भारतीय फॉर्मूला 4 चैंपियनशिप में अंक हासिल करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है।

9 साल की उम्र से कर रही हैं मेहनत

मोटरस्पोर्ट्स में उनकी यात्रा 9 साल की छोटी उम्र में शुरू हुई जब उन्होंने कार्टिंग शुरू की। उनमें गति और सटीकता को लेकर असाधारण प्रतिभा थी। इस वजह से वह जल्दी ही रैंक में ऊपर उठ गईं। उन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं में 30 से अधिक बार पोडियम फिनिश हासिल किया। उनके निरंतर प्रदर्शन और समर्पण ने उन्हें कई पुरस्कार दिलाए, जिनमें देश में मोटरस्पोर्ट्स के लिए नियामक संस्था फेडरेशन ऑफ मोटर स्पोर्ट्स क्लब ऑफ इंडिया (FMSCI) से चार मान्यताएं शामिल हैं।

Class 11 में Science की छात्रा भी है श्रेया

श्रेया लोहिया हिमाचल प्रदेश के सुंदर नगर से हैं। वह ना केवल केवल मोटरस्पोर्ट्स में धूम मचा रही हैं, बल्कि होमस्कूलिंग के ज़रिए अपनी पढ़ाई भी पूरी कर रही हैं। वर्तमान में कक्षा 11 की विज्ञान की छात्रा हैं। मोटरस्पोर्ट्स के प्रति उनका जुनून उनके अपने करियर से भी कई आगे है। इस वजह से वह फॉर्मूला 1, फॉर्मूला 2, फॉर्मूला 3, फॉर्मूला 4, फॉर्मूला ई, वर्ल्ड रैली चैम्पियनशिप और वर्ल्ड एंड्योरेंस चैम्पियनशिप सहित विभिन्न रेसिंग प्रारूपों को एक प्रशंसक के रूप में आज भी देखती हैं और समर्थन करती हैं।

छोटी सी उम्र में ही हासिल की कई उपलब्धियां

उनकी रेसिंग यात्रा रोटैक्स मैक्स इंडिया कार्टिंग चैंपियनशिप में रेस करने से शुरू हुई। उस रेस में उन्होंने माइक्रो मैक्स श्रेणी में एक मजबूत चौथा स्थान हासिल किया, जो मोटरस्पोर्ट्स में उनके उदय की शुरुआत थी। उनकी उपलब्धियों को मान्यता देते हुए, फेडरेशन ऑफ मोटर स्पोर्ट्स क्लब ऑफ इंडिया (FMSCI) ने उन्हें 'मोटरस्पोर्ट्स में उत्कृष्ट महिला' पुरस्कार से सम्मानित किया।

2022 में, श्रेया की उल्लेखनीय उपलब्धियों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो बच्चों के लिए भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। बाधाओं को तोड़ते हुए, श्रेया भारत में महत्वाकांक्षी महिला रेसर्स के लिए एक पथप्रदर्शक के रूप में खड़ी हैं, यह साबित करते हुए कि प्रतिभा और दृढ़ संकल्प पुरुष-प्रधान खेल में भी सफलता दिला सकता हैं।

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