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सरपंच बनना है तो पास करनी पड़ेगी दसवीं परीक्षा, इस राज्य में लागू होने जा यह नियम

राजस्थान सरकार पंचायती राज और शहरी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए शैक्षणिक योग्यता की शर्त फिर से लागू करने की योजना बना रही है।

जयपुरः राजस्थान सरकार पंचायती राज और शहरी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए शैक्षणिक योग्यता की शर्त फिर से लागू करने की योजना बना रही है। स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि शैक्षणिक योग्यता को लागू करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को अनुमोदन के लिए भेजा गया है।

प्रस्ताव में सरपंच पद का चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार का कम से कम 10वीं पास होना अनिवार्य करने की बात कही गई है। इसी तरह पार्षद पद का चुनाव लड़ने के लिए 10वीं और 12वीं में से एक योग्यता लागू करने का प्रस्ताव है।

स्वायत्त शासन मंत्री ने कहा कि पंचायती राज और निकाय चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता लागू करने के वास्ते पंचायती राज कानून और नगरपालिका कानून में संशोधन करने होंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्तर से मंजूरी मिलने के बाद दो अलग-अलग विधेयक लाए जाएंगे और विधानसभा के बजट सत्र में दोनों विधेयकों को पारित कर कानून में संशोधन करवाया जा सकता है।

वसुंधरा राजे सरकार में शैक्षणिक योग्यता लागू थी

उल्लेखनीय है कि 2015 में तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार के समय पंचायती राज और शहरी निकाय चुनावों में शैक्षणिक योग्यता लागू की गई थी। इसके तहत वार्ड पंच के लिए किसी तरह की शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता नहीं थी, लेकिन सरपंच का आठवीं पास होना जरूरी था।

आदिवासी इलाके (टीएसपी एरिया) में सरपंच के लिए पांचवीं पास होना अनिवार्य किया गया था। पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के लिए 10वीं पास की योग्यता लागू की गई थी। पार्षद और निकाय प्रमुखों के लिए 10वीं पास की योग्यता चाहिए थी, लेकिन कांग्रेस ने इसका विरोध किया था और वर्ष 2018 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद 2019 में इस प्रावधान को हटा दिया गया।

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