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नेता ने मुस्लिम इलाकों को कहा अलग देश, अब हो रहा है बवाल

केरल का है मामलरा

तिरुवनंतपुरम - केरल में श्री नारायण धर्म परिपलना (SNDP) योगम के महासचिव वेल्लापल्ली नटेसन का एक विवादित बयान हाल ही में सामने आया है। अपने एक भाषण के दौरान उन्होंने केरल के मुस्लिम बहुल क्षेत्र को एक अलग देश करार दे दिया। उनके इस बयान के बाद चारों ओर विवाद फैल गया है और उन्हें तीखी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।

जनरल सेक्रेटरी का बयान

मलप्पुरम जिले के चुगंथरा गांव में शुक्रवार, 5 अप्रैल 2025 को एक सभा को संबोधित करते हुए वेल्लापल्ली नटेसन ने विवादित टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि मलप्पुरम में कोई खुलकर सांस ले सकता है या अपनी राय स्वतंत्र रूप से रख सकता है। उनके अनुसार, मलप्पुरम एक अलग देश जैसा है और वहां के लोग अलग सोच रखते हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी पूछा कि क्या पिछड़े समुदायों को देश की आज़ादी के बाद कोई वास्तविक लाभ मिला है।

बयान की हो रही निंदा

2011 की जनगणना के अनुसार, मल्लपुरम जिले की कुल आबादी लगभग 41 लाख है, जिसमें मुस्लिम समुदाय की हिस्सेदारी लगभग 70 प्रतिशत है। वहीं, हिंदू समुदाय की आबादी 27.6 प्रतिशत है, जिससे साफ है कि यहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं। बता दें कि एसएनडीपी योगम, एझावा समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है। वेल्लापल्ली नटेसन के बयान के बाद उनकी चारों ओर आलोचना हो रही है।

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के अध्यक्ष सैयद सादिक अली शिहाब थंगल ने नटेसन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मलप्पुरम की आलोचना का मतलब किसी एक समुदाय पर निशाना साधना नहीं है। यह ज़िला महान साहित्यकारों और कलाकारों की भूमि है, साथ ही कई ऐतिहासिक मंदिरों का घर भी है। यह जिला सभी लोगों का है, न कि केवल किसी एक समुदाय का।

नटेसन ने अपने बयान को लेकर दी सफाई

नटेसन ने अपने दिए गए बयान पर सफाई देते हुए कहा कि वह अपनी बातों पर अब भी कायम हैं और उन्होंने जो कहा, उसमें से एक भी शब्द वापस नहीं लेंगे। उन्होंने पूछा, "मैंने मुसलमानों के खिलाफ ऐसा क्या कहा है?" नटेसन का कहना है कि उन्होंने सिर्फ यह कहा था कि मलप्पुरम में सामाजिक न्याय नहीं है, और यह एक सच्चाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि IUML के नेता उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं और उन्हें मुस्लिम विरोधी के रूप में दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। नटेसन ने साफ किया कि उनका किसी भी समुदाय के खिलाफ कोई इरादा नहीं था और उन्होंने कोई घृणा फैलाने वाला बयान नहीं दिया है।

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