कोलकाता : विधानसभा में हंगामे के दौरान अस्वस्थ्य हुए भाजपा के विधायक शंकर घोष अस्पताल में इलाजरत हैं। बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंदा बोस ने शुक्रवार को शंकर घोष को फोन कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली है। राजभवन के एक अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल ने सुबह शंकर घोष से बात कर हालचाल जाना और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की। गुरुवार को विधानसभा में बांग्ला भाषा व बंगालियों पर कथित अत्याचार के खिलाफ स्पेशल मोशन लाया गया था। चर्चा के दौरान हंगामा मचा। तृणमूल और भाजपा दोनों ओर से चोर चोर के नारे लगे। विधानसभा की कार्यवाही में बाधा पहुंचाने के आराेप में स्पीकर विमान बनर्जी ने शंकर घोष सहित 5 विधायकों को सस्पेंड कर दिया। इस दौरान मार्शल ने भाजपा विधायकों में धक्कामुक्की हुई। शंकर घोष नीचे गिर गये। उनकी तबीयत बिगड़ गयी तथा उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। शंकर घोष का इलाज जारी है। अब राज्यपाल ने उन्हें फोन करके उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली।
4 सितंबर को विशेष सत्र के अंतिम दिन (विशेष अधिवेशन का आखिरी दिन) नारेबाज़ी में पूरी चर्चा बदल गयी। सबसे पहले भाजपा के शंकर घोष को हंगामा करने के कारण सस्पेंड किया गया।इसके बाद एक एक करके अग्निमित्रा पाल, मिहिर गोस्वामी, अशोक डिंदा, और बंकिम घोष को भी सस्पेंड कर दिया गया। सीएम ममता बनर्जी को हंगामा के कारण अपना स्पीच तीन बार रोकना पड़ा। तृणमूल विधायकों ने भी भाजपा विधायकों के नारेबाजी के खिलाफ पलटवार में नारेबाजी की। दोनों ओर से जबरदस्त चोर चोर के नारे लगे।
राजनीतिक प्रभाव :
राज्य में अगले साल विधानसभा का चुनाव है। इससे पहले विधानसभा में जिस तरह से हंगामा हुआ इससे निश्चित तौर पर राजनीतिक प्रभाव छोड़ेगा, ऐसा राजनीति के जानकारों का मानना है।