नई दिल्ली : कोर्ट अगली सुनवाई में अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल का पक्ष सुनेगा। कोर्ट सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन, SCAORA सहित अन्य से अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल को सुझाव देने के लिए कहा है।
मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि अगर किसी वकील को किसी भी मामले में बुलाया जा सकता है तो इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हम नहीं चाहते कि इस पेशे को नुकसान हो, अगर ऐसा नियमित रूप से किया जाता रहा तो कोई भी वकील किसी संवेदनशील आपराधिक मामले में किसी को सलाह देने के बारे में नहीं सोचेगा।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का विरोध
पिछली सुनवाई में सीजेआई बी आर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि ईडी सारी हदें पार कर रही है। कोर्ट ने कहा कि कुछ दिशा निर्देश जारी किया जाना चाहिए। सीजेआई बी आर गवई ने कहा था कि अगर वकील द्वारा दी गई सलाह गलत भी है, तो भी उसे कैसे समन जारी किया जा सकता है? यह विशेषाधिकार का मामला है।
सीजेआई बीआर गवई ने कहा कि कोर्ट ने बार-बार देखा है कि हाई कोर्ट के स्पष्ट आदेशों के बावजूद ईडी राजनीतिक मामलों में लगातार समन जारी कर रही है। SCAORA ने ईडी की कार्रवाई की कड़ी अस्वीकृति और स्पष्ट निंदा करते हुए कहा था कि यह अत्यधिक अनुचित है और कानूनी पेशे की स्वतंत्रता को खतरा पहुचाता है।
ईडी की यह कार्रवाई न केवल अनुचित है, बल्कि जांच के दायरे से बाहर निकलने की एक परेशान करने वाली प्रवृति को दर्शाती हैं, जो कानूनी पेशे की स्वतंत्रता को खतरे में डालती है। कानून के शासन की नींव को कमजोर करती है। जब जांच एजेंसियों केवल कानूनी राय देने के लिए अधिवक्ताओं के खिलाफ बलपूर्वक उपाय करती हैं, तो वे केवल व्यक्तियों को ही निशाना नहीं बनाती है।