सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : अंडमान एवं निकोबार राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड की 60वीं आम सभा 18 दिसंबर 2025 को बैंक के सम्मेलन कक्ष में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता बैंक के अध्यक्ष गौरांग दत्ता ने की, जबकि उपाध्यक्ष नंद किशोर सिंह, बैंक के निदेशक मंडल, प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के सदस्य, संबद्ध शीर्ष, केंद्रीय एवं प्राथमिक सहकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, जिससे सभा की औपचारिक शुरुआत की गई। प्रारंभ में प्रबंध निदेशक (प्रभारी) रघुबीर सिंह ने सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया और बताया कि बैंक ने बैंकिंग सेवाओं, सूचना प्रौद्योगिकी और समग्र विकास को अपनी प्राथमिकताओं में रखा है। उन्होंने सदस्यों को अवगत कराया कि बैंक सुधार की दिशा में लगातार अग्रसर है और वित्तीय वर्ष 2024-25 में 38.56 लाख रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया गया है।
प्रबंध निदेशक ने यह भी बताया कि ग्राहकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए बैंक को नवीन सीबीएस संस्करण 10.2.25 में उन्नत किया गया है। इसके माध्यम से बैंक की डिजिटल सेवाओं और आंतरिक प्रक्रियाओं में सुधार हुआ है, जिससे ग्राहकों को तेज़, सुरक्षित और सहज बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं।
अपने मुख्य संबोधन में अध्यक्ष गौरांग दत्ता ने सभी प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि प्राप्त सभी सुझावों पर विचार किया जाएगा और बैंक की प्रगति तथा समृद्धि के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि बैंक का लक्ष्य केवल लाभ अर्जित करना नहीं है, बल्कि ग्राहकों, कर्मचारियों और स्थानीय समुदाय के लिए स्थायी और प्रभावी सेवाएं सुनिश्चित करना है।
सभा के दौरान सदस्यों और प्रबंधन के बीच संवादात्मक सत्र आयोजित किया गया, जिसमें बैंक की भविष्य की योजनाओं, सुधारात्मक उपायों और नई परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। उपस्थित प्रतिनिधियों ने अपने विचार और सुझाव साझा किए, जिन पर प्रबंधन ने संतोषजनक प्रतिक्रिया दी।
कार्यक्रम का समापन महाप्रबंधक (बैंकिंग) अभिनव पाल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया। उन्होंने सभी उपस्थित सदस्यों और अधिकारियों का आभार व्यक्त किया और आश्वस्त किया कि बैंक भविष्य में भी अपने विकास और ग्राहकों की सेवा में निरंतर प्रयासरत रहेगा।
इस तरह, 60वीं आम सभा सफलतापूर्वक संपन्न हुई और बैंक ने आगामी वर्ष के लिए अपने विकास और सुधार कार्यों की रूपरेखा तय की।