वॉशिंगटनः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार रात को एक सरकारी वित्त पोषण विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए, जिससे 43 दिन लंबा ‘शटडाउन’ समाप्त हो गया। इस शटडाउन के कारण संघीय कर्मचारियों को वेतन न मिलने की वजह से आर्थिक संकट झेलना पड़ा, यात्रियों को हवाई अड्डों पर दिक्कतें आयीं और कई खाद्य बैंकों पर लंबी कतारें लग गयीं।
अमेरिका में चले लंबे शटडाउन ने वॉशिंगटन में राजनीतिक विभाजन को और गहरा कर दिया। ट्रंप ने डेमोक्रेट्स पर दबाव बनाने के लिए कई एकतरफा कदम उठाए जैसे परियोजनाएं रद्द करना और कर्मचारियों को बर्खास्त करने की कोशिश। उन्होंने स्थिति के लिए डेमोक्रेट्स को दोषी ठहराया और मतदाताओं से कहा कि अगले मध्यावधि चुनावों में उन्हें सबक सिखाएं।
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ट्रंप ने विधेयक पर हस्ताक्षर करते समय क्या कहा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस के अपने ओवल ऑफिस में वित्त पोषण विधेयक पर हस्ताक्षर करते हुए मीडिया से बात की और कहा, "मैं हमेशा किसी के भी साथ काम करने को तैयार हूं, दूसरे पक्ष के साथ भी। हम स्वास्थ्य सेवा से जुड़े किसी न किसी विषय पर काम करेंगे और हम ओबामाकेयर के इस पागलपन को भूल जाएंगे।"
बहरहाल शटडाउन को खत्म कराने में अमेरिका की दो पार्टियों ने नरम रुख दिखाया। दोनों पार्टियों में डील हुई है कि इस शटडाउन के दौरान जिस भी सरकारी कर्मचारियों की नौकरी से निकाला गया है, यानी जिनकी छंटनी की गई है, उसे ट्रंप सरकार वापस नौकरी में रखेगी. संघीय (केंद्रीय) कर्मचारियों को बकाया वेतन की गारंटी देनी होगी।
रिपब्लिकन सांसद टॉम कोल ने क्या कहा
वित्त पोषण विधेयक को प्रतिनिधि सभा में 209 के मुकाबले 222 मतों से पारित किया गया, जबकि सीनेट ने इसे पहले ही मंजूरी दे दी थी। विवाद का केंद्र बिंदु स्वास्थ्य बीमा पर कर रियायतों का विस्तार था, जिसे डेमोक्रेट्स शामिल करना चाहते थे लेकिन रिपब्लिकन इसके खिलाफ थे। रिपब्लिकन सांसद टॉम कोल ने कहा, ‘हमने 43 दिन पहले ही कहा था कि सरकारी शटडाउन कभी समाधान नहीं होता और इस बार भी नहीं हुआ।’ अंततः आठ सीनेटरों के समझौते से यह गतिरोध टूटा।
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