हुगली : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नौकरी गंवाने वाले टीचरों ने हुगली डीआई कार्यालय के मुख्य गेट के सामने ताला जड़कर विरोध प्रदर्शन किया। इससे इलाके में बवाल मच गया। प्रदर्शन करते हुए शिक्षकों ने मांग की कि उनकी ओएमआर शीट सामने लायी जाए। अयोग्य को हटा कर योग्य लोगों की नौकरियों को वापस करना होगा। इस स्थिति के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। राज्य सरकार स्कूलों में पठन पाठन के लिए जरूरी कदम उठाए। अदालत को भी फैसले पर फिर से विचार कर योग्य प्रत्याशियों को नौकरी पर वापसी की व्यवस्था करनी चाहिए। पूरी स्थिति पर चुंचुड़ा थाना की पुलिस नजर बनाए हुए थी। थाना प्रभारी रामेश्वर ओझा सहित अन्य अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद थे। एक नौकरी गंवाने वाली शिक्षिका ने कहा कि मेरा और मेरे बेटे का क्या कसूर है कि उसके स्कूल के मित्र बोल रहे हैं कि तुम्हारी मां की नौकरी चली गई। हुगली के जिला डीआई सत्यजीत मंडल कार्यालय से बाहर निकलकर नौकरी गंवाने वाले प्रत्याशियों से मिलने आए। वहीं उन्हें एक मांगपत्र पढ़कर सुनाया गया और स्मारपत्र सौंपा गया।
हुगली के डीआई ने यह कहा
हुगली के डीआई ने कहा, योग्य-अयोग्य का चयन करने की जिम्मेदारी डीआई की नहीं है। इसके लिए स्कूल सर्विस कमीशन है। जिन स्कूलों में शिक्षकों की संख्या घट गई है, वहां नए शिक्षक नियुक्त करने का अधिकार मेरा नहीं है, चाहे वह स्थायी हों या कॉन्ट्रैक्ट पर। राज्य सरकार इस विषय पर विचार करेगी। हमारे पास इस बाबत कोई निर्देश नहीं आया है कि जिनकी नौकरी चली गई, वे अब क्या करें। आज जो लोग आए थे, उन्होंने मुझे एक डिपुटेशन दिया है, जिसे मैंने उचित स्थान पर भेज दिया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जिनकी नौकरी गई है, उनके संबंध में अब तक कोई मौखिक या लिखित निर्देश हमें नहीं मिला है। स्कूल सर्विस कमीशन ने उनकी नियुक्ति की थी, हमारा काम सिर्फ उन्हें संबंधित स्कूलों में भेजना था।