सन्मार्ग संवाददाता
नयी दिल्ली/कोलकाता : रैंक जंप करने वाले टीचर एसएससी परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे। माध्यमिक के बर्खास्त टीचरों में से कुछ ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। उनकी अपील थी कि उन्हें टीचरों की नियुक्ति के लिए एसएससी की होने वाली परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए। यहां गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में रैंक जंप करने वाले टीचरों को अयोग्य या दागी टीचरों की श्रेणी में रखा है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संयय कुमार और जस्टिस के वी विश्वनाथन ने वृहस्पतिवार को यह आदेश दिया। डिविजन बेंच ने कहा कि तत्कालीन चीफ जस्टिस के बेंच ने जो फैसला सुनाया था उसमें दखल नहीं दिया जा सकता है।
यहां गौरतलब है कि रैंक जंप करने का दर्जा उन्हें दिया गया है जिनका नाम मेरिट लिस्ट में तो नीचे था पर उसमें हेराफेरी करके उनका नाम मेरिट लिस्ट में उपर कर दिया गया था। इसके अलावा इनमें ऐसे टीचर भी शामिल हैं जिनकी ओएमआर शीट कोरी थी, पर उन्हें नंबर दे दिए गए थे। पहले हाई कोर्ट ने फिर सुप्रीम कोर्ट ने इस आधार पर करीब 26 हजार टीचरों और ग्रुप सी व डी के कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि टीचर के पदों पर नियुक्ति के लिए नये सिरे से परीक्षा लेनी पड़ेगी। इसके साथ ही बंदिश लगा दी है कि अयोग्य इस परीक्षा में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। यहां गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक एसएससी को नयी परीक्षा के लिए 31 मई के अंदर विज्ञप्ति जारी करनी है। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने 2016 की नियुक्ति प्रक्रिया को ही खारिज कर दिया है।