कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में फर्जी वोटर कार्ड और 'घोस्ट वोटर्स' को लेकर अपनी नाराजगी जतायी थी। उन्होंने साफ कह दिया था कि जो महाराष्ट्र-दिल्ली में हुआ, वह बंगाल में नहीं होने दिया जाएगा। शनिवार को पता चला कि वह यह बात यूं ही नहीं कह रही थीं। अब राज्य के मुख्य सचिव डॉ मनोज पंत ने मतदाता सूची में गड़बड़ी रोकने के लिए प्रशासन को सख्त निर्देश दिये हैं। बता दें कि शनिवार को राज्य सचिवालय नवान्न में सीएम ममता बनर्जी के निर्देश पर लगभग ढाई घंटे तक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता खुद मुख्य सचिव ने की, जिसमें सभी सचिव, डीएम, बीडीओ और सरकार के शीर्ष अधिकारी शामिल थे। इस बैठक में एक दर्जन से अधिक विभागीय परियोजनाओं की विभागीय समीक्षा की गई, जहां कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
सूत्रों के अनुसार कई मुद्दों में फर्जी वोटर कार्ड पर सबसे अधिक चर्चा हुई और सीएस ने इस खतरे के संबंध में बहुत ही सख्त संदेश दिया। वर्चुअल मीटिंग में जिला प्रशासकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी तरह से फर्जी वोटर कार्ड बनाना बंद करना होगा। आवेदन जमा होने के बाद जल्द से जल्द उचित सत्यापन किया जाना चाहिए। यदि किसी विशेष क्षेत्र में अस्वाभाविक संख्या में मतदाता पहचानपत्र के आवेदन प्राप्त होते हैं, तो कड़ी निगरानी रखी जानी चाहिए। यदि कोई अनियमितता पाई जाती है तो जवाबदेही सुनिश्चित करने की कार्रवाई की जाए। उन्होंने हिदायत दी कि फर्जी वोटर कार्ड रोकने के लिए हर मुमकिन जरूरी कदम उठायें। बिना भौतिक सत्यापन के कोई भी वोटर कार्ड अपडेट नहीं किया जाएगा। मुख्य सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि प्रशासन का कोई भी व्यक्ति फर्जी मतदाता सूची तैयार करने में शामिल होगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। जरूरत पड़ी तो सरकार कानूनी कार्रवाई भी करेगी। मुख्य सचिव ने स्पष्ट कर दिया है कि इस अनियमितता में जो भी शामिल होगा, उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। कहने की जरूरत नहीं कि जब 'घोस्ट वोटर्स' को लेकर राज्य की सियासी पारा चढ़ा हुआ है तब नवान्न ने सख्त प्रशासनिक कार्रवाई का रास्ता अपनाया है।