कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल सरकार प्रशासनिक प्रणाली को पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। गुरुवार को राज्य के वित्त विभाग ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय तकनीकी फर्मों को आमंत्रित करते हुए निविदा (टेंडर) जारी की है, ताकि राज्य की शासन प्रणाली में एआई आधारित समाधान विकसित किए जा सकें। इस योजना के तहत एआई आधारित समाधान चार प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित होंगे जिनमें संपत्ति मूल्यांकन प्रणाली का आधुनिकीकरण, पुराने रिकॉर्ड्स का डिजिटलीकरण, सामाजिक कल्याण योजनाओं की पारदर्शी एवं एकीकृत डिलीवरी तथा आंतरिक निर्णय प्रक्रिया को बेहतर और तेज बनाना शामिल हैं।
इस परियोजना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी समर्थन मिल सकता है
यह भी पता चला है कि वित्त विभाग के अधीन कार्यरत 'पंजीकरण एवं स्टाम्प राजस्व निदेशालय' के पास व्यापक प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन डेटा मौजूद हैं, जिसे सटीक और सुलभ बनाने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप की आवश्यकता है। वहीं, इसके साथ 100 से अधिक सामाजिक कल्याण योजनाओं को एक सुरक्षित और स्केलेबल डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने की भी योजना बनाई गई है। राज्य सरकार ने देश-विदेश की प्रतिष्ठित तकनीकी कंपनियों से इन चार क्षेत्रों में नवोन्मेषी समाधान प्रस्तुत करने के लिए आवेदन मांगे हैं। सूत्रों का कहना है कि अमेरिका की कई शीर्ष एआई कंपनियां पहले ही बंगाल में अपने प्लेटफॉर्म स्थापित करने की इच्छा जता चुकी हैं, जिससे इस परियोजना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी समर्थन मिल सकता है। नवान्न के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, राज्य सरकार अब शासन को अधिक पारदर्शी, दक्ष और नागरिक-केंद्रित बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। वित्त विभाग, जो राज्य प्रशासन का एक अहम स्तंभ है, अब एआई, मशीन लर्निंग (एमएल) और बिग डाटा एनालिटिक्स जैसी तकनीकों की सहायता से कार्य पद्धतियों को आधुनिक बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।