कोलकाता: बीरभूम जिले के देउचा पचामी क्षेत्र में 2,400 एकड़ जमीन पर कोयला खनन की संभावना बनने के बाद पश्चिम बंगाल विद्युत विकास निगम (डब्ल्यूपीडीसीएल) एक माइन डेवलपर नियुक्त करने की प्रक्रिया में है। नवान्न सूत्रों के अनुसार, कोयला खनन के लिए इच्छुक कंपनियों से आवेदन आमंत्रित किया गया है। अब तक छह कंपनियां आवेदन कर चुकी हैं। सूत्रों के अनुसार, इनमें जेएसएम माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड, हिंडाल्को कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड, मिनोवा इनोवेटिव टेक्नोलॉजीज, माइनशन लिमिटेड, माहेश्वरी माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड और पोलावरम प्रोजेक्ट शामिल हैं। इन सभी प्रस्तावों का मूल्यांकन चल रहा है। चयनित कंपनी खनन विकास के साथ-साथ कोयला उत्पादन का भी जिम्मा लेगी। पहले चरण में 1,000 से 1,200 मिलियन टन कोयला निकाले जाने की संभावना है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले भी कहा है कि देउचा पचामी परियोजना पूरी तरह चालू होने से राज्य में कोयले और बिजली की कमी नहीं होगी। यह परियोजना केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से लागू हो रही है। अनुमान है कि इससे 35,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।