कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा शुरू की गयी नयी योजना ‘आमादेर पाड़ा, आमादेर समाधान’ (हमारा मुहल्ला, हमारा समाधान) के क्रियान्वयन को लेकर बुधवार को राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत ने जिलाधिकारियों के साथ अहम बैठक की। नवान्न सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में तय किया गया कि ‘दुआरे सरकार’ और ‘पाड़ाय समाधान’ योजनाओं को एक साथ चलाया जाएगा, ताकि राज्यवासियों की स्थानीय और प्रशासनिक समस्याओं का प्रभावी समाधान हो सके। मुख्य सचिव पंत ने निर्देश दिया कि सभी योजनाओं का कार्य 15 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाए। यदि किसी कारणवश कार्य अधूरा रह जाए, तो 15 जनवरी 2026 तक उसे पूरा करना अनिवार्य होगा।
जरूरत पड़ने पर संबंधित विभाग टेंडर प्रक्रिया से काम कराएगा
बैठक में बताया गया कि ‘दुआरे सरकार’ और ‘पाड़ाय समाधान’ शिविर 2 अगस्त से 3 नवंबर तक, रविवार और छुट्टियों को छोड़कर, प्रतिदिन आयोजित किए जाएंगे। ‘आमादेर पाड़ा, आमादेर समाधान’ के तहत एक केंद्र में तीन बूथों को शामिल किया जाएगा और प्रत्येक मोहल्ले में एक दिन के लिए शिविर लगाया जाएगा। शिविर की जिम्मेदारी डीएम, बीडीओ, जॉइंट बीडीओ और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ तीन निष्पक्ष नागरिकों पर होगी। स्थानीय प्रशासन को हर शिविर में 10 लाख रुपये तक खर्च करने की अनुमति होगी। सूत्रों के अनुसार, जरूरत पड़ने पर संबंधित विभाग टेंडर प्रक्रिया से काम कराएगा। मुख्य सचिव पंत ने शिविरों को ऐसे स्थानों पर आयोजित करने का निर्देश दिया, जहां आम लोग आसानी से पहुंच सकें। सुंदरबन और द्वीप क्षेत्रों के लिए नाव या लांच के माध्यम से विशेष शिविरों की व्यवस्था करने को भी कहा गया है।