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नदी पर्यटन के विकास में केंद्र-राज्य एकजुट

धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा

कोलकाता: जहां एक ओर राजनीतिक क्षेत्र में केंद्र और राज्य सरकारों के रिश्ते तल्ख हो रहे हैं, वहीं पर्यटन विकास के लिए दोनों पक्ष अब साझेदारी की राह पर अग्रसर हैं। राज्य के पर्यटन मंत्री इंद्रनील सेन ने बुधवार को एमसीसीआई (मर्चेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) द्वारा आयोजित पर्यटन सम्मेलन में घोषणा की कि राज्य सरकार नदी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट (केन्द्र सरकार के बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अधीन एक सांविधिक निकाय) के साथ संयुक्त परियोजनाओं पर काम करेगी।

इंद्रनील ने कहा, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नदी पर्यटन को बढ़ाने में गहरी रुचि रखती हैं। पोर्ट ट्रस्ट भी इस दिशा में समान रूप से इच्छुक है। हम मिलकर नदी तटों को सजाएंगे और होमस्टे व कॉटेज विकसित करेंगे। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बंगाल पर्यटन क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर पहले स्थान पर पहुंच गया है और वर्ष 2026 के बाद कई नये प्रकल्प शुरू होंगे।

इस अवसर पर कोलकाता पोर्ट के चेयरमैन रथेंद्र रमन ने बताया कि राज्य में जल्द ही विश्वस्तरीय रिवर क्रूज टर्मिनल प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। साथ ही हावड़ा ब्रिज पर डायनेमिक लाइटिंग, मिलेनियम पार्क-3 और सीधे होटलों से जुड़े नए टर्मिनल विकसित होंगे। उन्होंने कहा कि बजबज, नूरपुर और मायापुर जैसे क्षेत्रों में पोर्ट की जमीन पर पर्यटन केंद्र बनाए जाएंगे।

कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह व पर्यटन) नंदिनी चक्रवर्ती ने कहा कि राज्य धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा दे रहा है। दीघा स्थित जगन्नाथ धाम में पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पश्चिम बंगाल होमस्टे रजिस्ट्रेशन में देशभर में शीर्ष पर है, हालांकि कई होमस्टे संचालित नहीं हो रहे, जिनका ऑडिट होगा। उन्होंने बताया कि राज्य में 42 नये लग्जरी होटल खुले हैं और पिछले वर्ष पर्यटन क्षेत्र में 5,710 करोड़ रुपये का निजी निवेश आया है। साथ ही उन्होंने याद दिलाया कि दुर्गा पूजा में राज्य में हजारों करोड़ रुपये का व्यापार होता है और पिछले वर्ष 730 माइस इवेंट्स आयोजित हुए।

एमसीसीआई अध्यक्ष अमित सरावगी ने कहा कि 2024 में बंगाल ने 18.5 करोड़ पर्यटकों का स्वागत किया, जो 2023 (14.5 करोड़) और 2022 (8.4 करोड़) की तुलना में बड़ी उपलब्धि है। एमसीसीआई के हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म काउंसिल के चेयरमैन नरेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री की कला व संस्कृति के प्रति संवेदनशीलता ने पर्यटन को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभायी है। विश्व बांग्ला शॉप्स इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्र-राज्य की यह साझेदारी पश्चिम बंगाल नदी पर्यटन को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर नयी ऊंचाई तक ले जाएगी।

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