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सड़क दुर्घटनाओं पर लोकसभा में बोले गडकरी- सुरक्षा की अनदेखी से साल में 1.80 लाख मौतें

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस तथ्य का उल्लेख करते हुए दुख जताया कि हर साल लगभग पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।

नई दिल्लीः सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में कहा कि ज्यादातर सड़क दुर्घटनाएं ऐसे लोगों के व्यवहार से जुड़ी होती हैं, जो अक्सर सुरक्षा मानदंडों की अनदेखी करते हैं।

उन्होंने लोकसभा सदस्यों से अपने निर्वाचन क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा अभियान चलाने का आह्वान भी किया। गडकरी ने इस तथ्य का उल्लेख करते हुए दुख जताया कि हर साल लगभग पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिनमें औसतन 1.80 लाख लोगों की जान चली जाती है और मारे गए लोगों में ज्यादातर युवा होते हैं।

युद्ध से भी ज्यादा मौतें सड़क दुर्घटनाओं में

निचले सदन में प्रश्नकाल के दौरान मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे बड़े दुख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि सड़क दुर्घटनाएं मानव व्यवहार से जुड़ी हैं। सड़क सुरक्षा नियमों की कोई परवाह नहीं है। हर साल सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 1.80 लाख लोगों की जान चली जाती है, जो किसी भी युद्ध या कोविड महामारी में गई जानों से अधिक है। युवा लोग अपनी जान गंवा रहे हैं।’’

सड़क सुरक्षा पर भाजपा सांसद मुकेश दलाल के एक पूरक प्रश्न का जवाब देते हुए, गडकरी ने कहा कि सड़क दुर्घटना में मौत के मामलों में 66 प्रतिशत 18-34 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं के होते हैं। उन्होंने कहा कि भले ही मंत्रालय लोगों को सड़क सुरक्षा मानदंडों के बारे में जागरुक और संवेदनशील बनाने के लिए अभियान चला रहा है, लेकिन ज्यादा सुधार नहीं देखा जा रहा है।

दुनिया में सबसे अधिक मौतें भारत में

गौरतलब है कि भारत की सड़कों पर होने वाली मौतों की संख्या अधिक है और यह वैश्विक कुल संख्या में एक बहुत बड़ा हिस्सा है। उसके बाद चीन का नंबर आता है। वहीं नाइजीरिया, ब्राज़ील, इंडोनेशिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, पाकिस्तान, रूस, थाईलैंड, ईरान आदि भी ऐसे देशों में हैं जहां सड़कों पर अधिक लोगों की मौतें होती हैं।

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