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दक्षिण अफ्रीका ने आतंकवाद पर भारत की नीति का समर्थन जताया

भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने दक्षिण अफ्रीका में 350 से अधिक प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया

जोहानिसबर्ग : दक्षिण अफ्रीका ने आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की भारत की नीति का समर्थन जताया है। भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने यहां 350 से अधिक प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया और पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रायोजक बताया। राकांपा (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में जोहानिसबर्ग पहुंचने के बाद आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रतिनिधिमंडल ने दक्षिण अफ्रीका में भारतीय नागरिकों और स्थानीय समुदाय से वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्भीक लड़ाई में शामिल होने का आह्वान किया।

प्रतिनिधिमंडल के प्रत्येक सदस्य ने पहलगाम हमले के बारे में जानकारी साझा की तथा उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का भी ब्यौरा दिया, जिसके तहत पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाया गया।

सुले ने कहा, ‘जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में शपथ ली थी, तो उन्होंने अपने शपथग्रहण समारोह में हर पड़ोसी को आमंत्रित किया था, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि हम चाहते हैं कि उपमहाद्वीप शांतिपूर्ण और खुशहाल हो तथा सब एक साथ आगे बढ़ें। लेकिन दुर्भाग्य से, पहलगाम जैसी घटना के चलते ऐसा नहीं हुआ। इस घटना ने दुनिया भर में हर भारतीय को झकझोर कर रख दिया है। मुझे खुशी है कि दक्षिण अफ्रीका भारत के साथ खड़ा है।’

दक्षिण अफ्रीका 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकवादी हमले की सबसे पहले निंदा करने वाले देशों में से एक था। इस सप्ताह अपने प्रतिनिधिमंडल की चार देशों की यात्रा के मकसद को समझाते हुए, सुले ने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमला ‘भारत की आत्मा पर हमला था।’ इसलिए, दुनिया को सच बताना होगा कि हम आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेंगे। भारत एक ऐसा देश है जिसने कभी युद्ध शुरू नहीं किया, हम इस पर कायम हैं। हम शांति चाहते हैं, लेकिन निदोर्षों की जान की कीमत पर नहीं।

सुले के अलावा, प्रतिनिधिमंडल में भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी, अनुराग ठाकुर और वी मुरलीधरन, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी और आनंद शर्मा, तेदेपा नेता एल. श्री कृष्ण देवरायलू, आम आदमी पार्टी के नेता विक्रमजीत सिंह साहनी और पूर्व राजनयिक सैयद अकबरुद्दीन शामिल हैं।

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